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लोकसभा में पेश होने जा रहा है ‘एक देश-एक चुनाव’ बिल, विपक्ष कर रहा है विरोध

लोकसभा में आज एक देश-एक चुनाव से जुड़े दो बिल पेश होने है। बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने 12 दिसंबर को इन दोनों बिलों को मंजूरी दे दी थी। आज केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा यह बिल संसद में पेश किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि यह बिल 129 वां संविधान संशोधन बिल होगा।

शिवसेना और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

बता दें कि इसे लेकर शिवसेना और कांग्रेस द्वारा अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया गया है। वहीं भाजपा द्वारा भी अपने सांसदों को इसे लेकर व्हिप जारी किया गया है। आज दोपहर 12:00 बजे संसद में यह बिल केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा पेश किया जाएगा।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई थी कमेटी

गौरतलब है कि 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश–एक चुनाव पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। वहीं इस कमेटी द्वारा 14 मार्च 2024 को लगभग 191 दिनों में स्टेकहोल्डर और एक्सपर्ट्स से चर्चा करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस बिल के पास होने पर संविधान में संशोधन किया जाएगा और संविधान में एक नया अनुच्छेद जोड़ा जाएगा।

चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी के बाद तैयार हुआ बिल

बता दें कि इस बिल को तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की गई है। इन 7 देशों में बेल्जियम, स्वीडन, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। वहीं कमेटी द्वारा इन सभी देशों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया था। जिसका उद्देश्य चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं की स्टडी और उन्हें अपनाना था। वहीं कमेटी की सिफारिश थी कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाना चाहिए।

एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव

इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की सिफारिश भी कमेटी द्वारा रखी गई थी। कमेटी ने चुनाव दो फेज में कराने की सिफारिश रखी है। जिसमें दूसरे फेज में लोकल बॉडीज यानी नगर निकाय के चुनाव कराए जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा और विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार करने की सिफारिश भी कमेटी द्वारा रखी गई है।

विपक्ष कर रहा है विरोध

बता दें कि कांग्रेस, सपा समेत सभी विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ये बिल संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ये संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है, हम इस बिल का विरोध करते हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा ये संविधान बदलने का बिल बिगुल है। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा हम इस बिल का विरोध करेंगे, ये बिल संविधान के खिलाफ है. वहीं शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ये बिल संविधान के खिलाफ है, ये संविधान पर हमला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी बीजेपी पावर सेंट्रलाइज्ड करना चाहती है, कितना कॉस्ट इफेक्टिव रहेगा, हमें ये पता नहीं है, हम इस बिल का विरोध करेंगे।