One Nation One Election Report: लोकसभा चुनाव से पहले देश में वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election Report) को लेकर चर्चा शुरू हो गई। आज, गुरूवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। बता दें कि एक देश एक चुनाव के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई थी जिसने 18,626 पन्नों की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सामने पेश की है।
अमित शाह सहित ये अधिकारी रहे मौजूद
#WATCH | Delhi | High-Level Committee on simultaneous elections, chaired by Ram Nath Kovind, Former President of India, met President Murmu at Rashtrapati Bhavan and submitted its report, today. Union Home Minister Amit Shah was also present. pic.twitter.com/9BOKw20e2f
— ANI (@ANI) March 14, 2024
आज रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात में गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद मौजूद थे। । बता दें कि इस पैनल को पिछले साल 02 सितंबर 2023 को गठित किया गया था।
वहीं इस रिपोर्ट 191 दिनों के शोध कार्य के बाद बनाया गया है। हाल ही में उच्च स्तरीय समिति ने भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीआई (एम), एआईएमआईएम, आरपीआई, अपना दल आदि सहित कई राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और बातचीत की। जिन्होंने लिखित रूप से अपने सुझाव सौंपे थे।
इन दो चरणों में हो सकते है चुनाव
Former President of India Shri Ram Nath Kovind who heads High-Level Committee (HLC) on ‘One Nation, One Election’ presented the report on simultaneous elections in the country to President Droupadi Murmu along with members of the HLC including Union Home Minister Shri Amit Shah,… pic.twitter.com/wqlPZ3n0FV
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 14, 2024
एक साथ चुनाव कराने से संबंधी उच्च स्तरीय समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए दो चरणों की सिफारिश की है। समिति ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि पहले चरण के रूप में, लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव करवाएं जा सकते है । इसके बाद 100 दिन के अंदर ही दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते है।
इससे पहले समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए कर्मचारियों, उपकरणों और सुरक्षा बलों से संबंधित सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक योजना बनाने की बात कही है। इसके अलावा निर्वाचन आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के सलाह से एकल मतदाता सूची व मतदाता पहचान पत्र तैयार कराएगा।
एक देश एक चुनाव की पीछे क्या है तर्क?
एक देश एक चुनाव पीछे तर्क दिया जाता है कि भारत में हर साल कहीं ना कहीं पर चुनाव होते ही है। इस चुनाव में लोकसभा सदस्य से लेकर पंचायत सदस्य तक शामिल होते है। इसके लिए बार बार आचार संहिता लगानी पड़ती है और साथ ही सुरक्षा बलों, पुलिस और सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाना पड़ता है।
इन सब मे सरकार का पैसे भी खर्च करने पड़ते है और साथ ही विकास के कार्यो में भी बाधा आती है। इन सभी चीजों को बंद कर अलग अलग चुनावों की जगह एक बार ही चुनाव कराने की बात कही गई है। एक देश एक चुनाव के पक्ष में केंद्र सरकार है। लेकिन अभी तक इस मामले पर पूरी तरह से फैसला नहीं सुनाया गया है।
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