महाराष्ट्र के कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे पर विपक्ष की नजर? महाराष्ट्र सीएम की कुर्सी को लेकर सस्पेंस बरकरार

महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) बीते शुक्रवार शाम को अचानक सतारा जिला स्थित अपने गांव पहुंचे हैं। वह भी तब जब महायुति सरकार के गठन को लेकर मुंबई में एक बैठक होनी थी। जानकारी के मुताबिक वह दो दिन के दौरे पर अपने पैतृक गांव में हैं। माना जा रहा है कि अब बैठक रविवार को होने की संभावना है। लेकिन उनके इस तरह सतारा जाने पर महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ चुकी है।

विपक्ष का तंज

कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अचानक सतारा जिला स्थित अपने गांव पहुंचने के बाद माना जा रहा है कि नए सरकार गठन में कुछ बड़ा फेरबदल हो सकता है। इतना ही नहीं उनके गांव जाने पर विपक्षी शिवसेना-यूबीटी की भी नजर है। वहीं वर्ली विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने उनसे गांव जाने का कारण पूछा है।

मंत्रालय नहीं मिलने से नाखुश

बता दें कि ऐसा कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे बीजेपी की ओर से उम्मीद के मुताबिक मंत्रालय नहीं मिलने से नाराज हैं। वहीं आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुति के सरकार गठन के मुद्दे पर बात करने से कोई फायदा नहीं है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने अपना काम शुरू कर दिया है। मीडिया से बातचीत करने पर आदित्य ने एकनाथ शिंदे के डेरे गांव जाने के बारे में कहा कि आसमान की ओर देखते हुए पूछा, ”क्या आप चांद देख सकते हैं?”

गांव वालों से मिलने पहुंचे एकनाथ

एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने डेरे गांव गए हुए हैं। वहीं शुक्रवार शाम तक एकनाथ शिंदे ने मुंबई के वर्षा बंगले में चुनिंदा नेताओं के साथ बैठकें की है। इसके बाद एकनाथ शिंदे सतारा के लिए रवाना हो गए थे। जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे का हेलीकॉप्टर डेरे गांव उतरा था, जहां उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद वह घर के लिए रवाना हो गये थे।

मोबाइल रेंज से दूर हैं एकनाथ शिंदे?

वहीं शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने बताया कि डेरे गांव में मोबाइल रेंज नहीं है। तो अब एकनाथ शिंदे यहीं शांति से बैठेंगे और राजनीतिक दुविधा से निकलने का रास्ता निकालेंगे। वहीं संजय शिरसाट ने बताया कि वे शनिवार शाम तक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।

एकनाथ शिंदे की शर्त

सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने शर्त रखी कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है, तो उन्हें गृह, वित्त और राजस्व विभाग दिए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ये विभाग दिया जाता है और फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो राज्य में सत्ता को संतुलन बना रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि इसके बाद वह तय करेंगे कि किसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।