UNSC: पाकिस्तान की सरजमीं से चलने वाले लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल टेररिस्ट (Global Terrorist) की लिस्ट में डाल दिया गया है. अब्दुल रहमान मक्की प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के बाद दूसरे नंबर पर है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मक्की को जिस लिस्ट में डाला है, उसे 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा समिति कहा जाता है. इस लिस्ट में किसी व्यक्ति या संस्था का नाम तब जोड़ा जाता है, जब उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत हों.
मक्की पाकिस्तान (Pakistan) से चलने वाले लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का सरगना हाफिज सईद का साला है. इस लिस्ट मे डाले जाने के बाद मक्की पर अब कई तरह के प्रतिबंध लग जाएंगे. पिछले साल भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डालने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया था. इस बार चीन ने रोक नहीं लगाई. 1267 समिति ने बयान जारी कर बताया, अब्दुल रहमान मक्की समेत लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के आतंकी भारत में, खासकर जम्मू-कश्मीर में फंडिंग करते हैं, युवाओं को बरगला कर उन्हें चरमपंथी बनाते हैं और हमलों की योजना बनाते हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान (Pakistan) के 150 से ज्यादा आतंकी संगठन और आतंकियों को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल रखा है. इसमें हाफिज सईद, जकी-उर रहमान लखवी, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है.
कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
मक्की लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का डिप्टी चीफ है. वो लश्कर की राजनीतिक विंग जमाद-उद-दावा का भी चीफ है. वो लश्कर के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का भी डिपार्टमेंट का भी हेड रहा है. मक्की हाफिज सईद का साला है. उसके पिता का नाम हाफिज अब्दुल्ला बहवालपुरी है. भारत सरकार ने भी अब्दुल रहमान मक्की को वॉन्टेड घोषित किया है. अब्दुल रहमान मक्की लश्कर के लिए धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में खासकर जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए जाना जाता है.
ग्लोबल टेररिस्ट कैसे घोषित किया जाता है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी व्यक्ति या संस्था को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डालने का प्रस्ताव रखा जाता है. ये प्रस्ताव किसी सदस्य देश की ओर से लाया जाता है. किसी को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए सभी स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है. अगर कोई स्थायी सदस्य इस पर आपत्ति दर्ज करवा देता है यानी वीटो पावर का इस्तेमाल करता है तो ये पास नहीं होता. अगर प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया जाता है तो कम से कम 6 महीने तक फिर से वही प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, इसके अलावा इस आपत्ति को तीन महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद ही प्रस्ताव लाया जा सकता है. सभी सदस्यों की सहमति मिलने के बाद व्यक्ति या संस्था का नाम 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा समिति की लिस्ट में डाल दिया जाता है. इसके बाद वो व्यक्ति या संस्था ग्लोबल टेररिस्ट घोषित हो जाता है. सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं. इनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस स्थायी सदस्य हैं. जबकि भारत, अल्बानिया, ब्राजील, गेबन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे और यूएई अस्थायी सदस्य हैं.
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने पर क्या होता है?
लिस्ट में जिस किसी भी व्यक्ति या संस्था का नाम आता है, उसके खिलाफ तीन तरह की कार्रवाई की जाती है.
- हथियारों पर प्रतिबंधः सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे. हथियारों की खरीद-फरोख्त भी रोकी जाएगी. इसके अलावा हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीक पर भी प्रतिबंध लग जाता है.
- संपत्ति जब्तः ऐसे व्यक्ति या संस्था की संपत्ति जिस देश में होगी, वो देश उसकी सारी संपत्ति जब्त कर लेगा. साथ ही ये भी तय करेगा कि उसे किसी तरह की फंडिंग न मिले.
- Travel पर प्रतिबंधः उस व्यक्ति के यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. सभी देश उस व्यक्ति को अपनी सीमा में घुसने से रोकते हैं. इतना ही नहीं, जिस देश में वो होगा, वहां भी उसे यात्रा नहीं करने दी जाएगी.
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