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शेयर मार्केट में हाहाकार, निवेशकों के 25 लाख करोड़ रुपए स्‍वाहा! जानें बाजार के गिरने की वजह

बाजार में बड़ी गिरावट
बाजार में बड़ी गिरावट

Stock Market Crash: सोमवार को शेयर बाजार में फिर से गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट आई और निवेशकों का नुकसान 25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इस गिरावट की वजह चीन के बाजार में उतार-चढ़ाव, ईरान-इजराइल संघर्ष, विदेशी निवेशकों का पलायन और हरियाणा व जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल को बताया जा रहा है।

बाजार में सुबह देखी गई थोड़ी तेजी

सोमवार सुबह शेयर बाजार में हल्की सी तेजी दिखी, सेंसेक्स ने 82 अंकों की बढ़त बनाई और 82 हजार के स्तर को पार किया। लेकिन इसके बाद पूरे दिन गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 1,400 अंकों तक गिर गया और 81 हजार के नीचे पहुंच गया। दिन के अंत में सेंसेक्स में 600 से ज्यादा अंकों की गिरावट हुई, जबकि निफ्टी भी 200 अंकों से ज्यादा गिरा।

6 दिन में 25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

शेयर बाजार में लगातार 6 दिन से गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स 4,800 अंक और निफ्टी 1,400 अंक गिर चुका है। इस दौरान निवेशकों को लगभग 25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। सिर्फ सोमवार को ही 8.66 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यह गिरावट कई कारणों से हुई है, जिसमें चीन के आर्थिक हालात, विदेशी निवेशकों का पलायन और राजनीतिक नतीजों के पूर्वानुमान शामिल हैं।

सेंसेक्स में बड़ी गिरावट

बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 638.45 अंकों की गिरावट के साथ 81,050 पर बंद हुआ। सत्र के दौरान यह 80,726.06 तक गिर चुका था। पिछले 6 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 4,786.12 अंकों की गिरावट आ चुकी है। 26 सितंबर को सेंसेक्स 85,836 पर बंद हुआ था, लेकिन अब इसमें 5.57% की गिरावट हो चुकी है।

निफ्टी भी ढह गया

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 197.30 अंकों की गिरावट के साथ 24,817.30 पर बंद हुआ। इस दौरान निफ्टी दिन के हाई से 389.75 अंकों नीचे चला गया। 26 सितंबर को निफ्टी 26,216.05 पर था, लेकिन अब इसमें 5.33% की गिरावट हो चुकी है।

निवेशकों को भारी नुकसान

इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बीएसई का मार्केट कैप 4,77,16,290 करोड़ रुपए से घटकर 4,52,23,340 करोड़ रुपए हो गया है। इसका मतलब पिछले 6 दिन में करीब 25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

गिरने वाले प्रमुख शेयर

शेयर बाजार में गिरावट का असर प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा है। अडानी पोर्ट्स के शेयर में 4.24%, बीईएल के शेयर में 3.54%, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 3.27% और कोल इंडिया के शेयर में 3.18% की गिरावट देखी गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा स्टील के शेयर भी 1% से ज्यादा गिर गए।

क्यों गिर रहा बाजार?

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में गिरावट और तेज हो सकती है। 8 अक्टूबर को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ सकते हैं। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो बाजार में और गिरावट देखी जा सकती है। इसके अलावा भी कुछ कारण है जिसकी वजह से बाजार में गिरावट हो रही है।

1- एग्जिट पोल से शेयर बाजार में गिरावट

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी की स्थिति कमजोर दिख रही है। जम्मू-कश्मीर में तो बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, जबकि हरियाणा में 10 साल बाद सत्ता जाने के आसार हैं। इन परिणामों के बाद बाजार में यह संदेश जा रहा है कि बीजेपी की ताकत कमजोर हो रही है, जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है। इसका असर शेयर बाजार पर पड़ा है और इसके कारण मार्केट में तेज गिरावट देखने को मिली है। निवेशक अनुमान लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार के नीतिगत फैसले अब लोक-लुभावन हो सकते हैं, जो लंबे समय में आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं।

2- RBI की नीति पर निवेशकों की उम्मीदें टूटीं

अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की थी, जिससे वैश्विक बाजार में राहत की उम्मीदें पैदा हुई थीं। भारतीय निवेशक भी उम्मीद कर रहे थे कि आरबीआई (RBI) अपनी मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था को राहत मिलती। लेकिन अब यह लगभग तय है कि आरबीआई दरों में कोई कटौती नहीं करेगा। उसका फोकस फिलहाल महंगाई पर है, जो इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इस बदलाव ने बाजार के सेंटिमेंट को कमजोर कर दिया है, जिससे निवेशकों में निराशा देखी जा रही है।

3- क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल

भारत में पहले से ही महंगाई की समस्या विकराल है और ऐसे में मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण क्रूड ऑयल की कीमतें फिर से 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं। पिछले कुछ दिनों में क्रूड की कीमतों में लगभग 11 फीसदी की तेजी आई है। इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे महंगाई बढ़ सकती है। भारत, जो कि कच्चे तेल का बड़ा आयातक है, ऐसे में यह खबर निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन गई है। महंगाई बढ़ने की संभावना से बाजार में और गिरावट आ सकती है।

3- ईरान-इजराइल तनाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव भी वैश्विक स्तर पर निवेशकों को प्रभावित कर रहा है। भारत का ईरान और इजराइल दोनों देशों से ही गहरा व्यापारिक नाता है, जिससे भारतीय बाजार पर इन घटनाओं का असर देखा जा सकता है। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजार से भारी बिकवाली कर रहे हैं और उनकी नजर अब चीन के स्टॉक मार्केट पर है, जो मौजूदा संकट से उबरने के लिए वित्तीय पैकेज का एलान कर चुका है। चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद से वहां के बाजार में तेजी आ सकती है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और चीन में निवेश की ओर रुख कर रहे हैं।

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