AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के उर्दू भाषा पर दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि योगी ने उर्दू को कठमुल्लों और मौलवियों की भाषा बताया था और यह भी कहा था कि इसे पढ़कर कोई वैज्ञानिक नहीं बनता। इस पर ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि योगी जी को उर्दू नहीं आती, लेकिन फिर भी वे वैज्ञानिक क्यों नहीं बने, इसका जवाब तो वही दे सकते हैं।
उर्दू पढ़ने वाले कठमुल्ला बन जाते हैं
#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM chief Asaduddin Owaisi speaks on UP CM Yogi Adityanath’s recent remark in the State Assembly on Urdu language.
He says, “…It is clear that UP CM doesn’t know Urdu. But only he can answer why he did not become a scientist…The ideology that… pic.twitter.com/VsByoHNlMr
— ANI (@ANI) March 1, 2025
एआईएमआईएम के 67वें स्थापना दिवस पर असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी जी कहते हैं कि उर्दू पढ़ने वाले कठमुल्ला बन जाते हैं। ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस विचारधारा से योगी आते हैं, उनके किसी नेता ने देश की आज़ादी में योगदान नहीं दिया।
ओवैसी ने आगे कहा कि योगी गोरखपुर से आते हैं, और उसी शहर में मशहूर उर्दू शायर फिराक गोरखपुरी भी हुए हैं। अगर योगी जी की सोच यही है, तो क्या वे फिराक गोरखपुरी को भी कठमुल्ला कहेंगे? फिराक गोरखपुरी तो उर्दू के बहुत बड़े शायर थे। ओवैसी ने योगी की इस सोच को उनकी “बौद्धिक क्षमता” का नमूना बताया।
ओवैसी ने कहा कि जिसका दिल और दिमाग पहले से ही बंद हो चुका है, उस तक कोई भी रोशनी नहीं पहुंच सकती। उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें शायद ये नहीं पता कि उर्दू भाषा हमारे देश की आजादी की पहचान रही है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीएम योगी उर्दू से नफरत करते हैं।
यूपी विधानसभा में हुई थी तीखी बहस
यूपी विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के बीच तीखी बहस हुई। यह बहस अंग्रेजी को हटाने और उर्दू को शामिल करने के मुद्दे पर हुई।
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा का रवैया दोहरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा अन्य भाषाओं की तुलना में उर्दू को ज्यादा महत्व देती है। इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने जवाब देते हुए कहा कि अंग्रेजी न तो हमारी राष्ट्रभाषा है और न ही मातृभाषा।
सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन आम लोगों के बच्चों को उर्दू पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह तरीका स्वीकार नहीं किया जाएगा। योगी के इस बयान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने नाराजगी जताई।