पाकिस्तान

अफगान सीमा पर भिड़े तालिबान-पाकिस्तान, वखान गलियारे पर कब्जे का दावा!

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटना में तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पर स्थित सैन्य चौकियों पर गोलीबारी की है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प भी हुई। बताया जा रहा है कि तालिबान ने टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के आतंकवादियों के साथ मिलकर अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत के अली शेर और जाजी इलाकों से पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में चौकियों को निशाना बनाया। गोलीबारी से पहले तालिबान ने इन इलाकों से कई अफगान परिवारों को वहां से हटने पर मजबूर कर दिया था।

पाकिस्तान अब तालिबान के प्रति सख्त रुख अपना रहा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ किया कि देश के विकास के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को खत्म करना उनकी प्राथमिकता है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हुए 444 आतंकी हमलों में अब तक 685 सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं।

टीटीपी को करना होगा ख़त्म: पाकिस्तान 

शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के विकास का सपना तभी पूरा हो सकता है, जब हम देश में कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। साथ ही, अब समय आ गया है कि टीटीपी को पूरी तरह खत्म किया जाए। इसके लिए सरकार, राज्यों और सभी संबंधित पक्षों को सुरक्षाबलों के साथ मिलकर ठोस योजना बनानी चाहिए।

पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान की सीमा में अंदर घुसी 

सरकार ने कहा है कि उन्हें पता है देश में कुछ आतंकवादी छिपे हुए हैं, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान इलाकों में। ये लोग देश की शांति को बिगाड़ना चाहते हैं। सीमा पर अफगान सेना के साथ हुई झड़पों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका सख्ती से जवाब दिया गया है। वहीं, ये भी खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान की सीमा में अंदर तक घुस गई है।

पाकिस्तानी मीडिया ने किया ये दावा 

हाल ही में कुछ पाकिस्तानी मीडिया में यह खबर आई कि पाकिस्तानी सेना ने बदख्शां के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वखान गलियारे पर हमला किया और उसके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।

इस खबर के बाद, बदख्शां के लोग अपनी कार्यवाहक सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाएं।

बदख्शां के एक निवासी, अब्दुल सबूर ने टोलो न्यूज को बताया, “पाकिस्तान वखान गलियारे पर हमला नहीं कर सकता। पहले की सरकारों के बीच इस मामले में समझौते हुए हैं। अब इस्लामिक अमीरात भी इसे मंजूरी नहीं देगा।”  एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “हमारी मांग है कि इस्लामिक अमीरात सीमाओं को मजबूत करे और उन्हें सुरक्षित बनाए।”

 

 

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