Pakistan: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह खूनी संघर्ष पिछले कई दशकों से चल रहा है, लेकिन हाल के दिनों में हिंसक झड़पों ने काफी वृद्धि हुई है।
21 नवंबर को हुआ था बड़ा हमला
गुरुवार, 21 नवंबर 2024 को यह हिंसा तब शुरू हुई जब कुर्रम जिले में शिया मुसलमानों के दो अलग-अलग काफिलों पर हमला किया गया था। ये काफिले पुलिस सुरक्षा में यात्रा कर रहे थे। इस हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर शिया मुसलमान थे। इसके बाद स्थानीय शिया समुदाय ने सुन्नी लोगों पर जवाबी हमले किए, जिससे हिंसा और भड़क गई।
अगले तीन दिनों में दोनों समुदायों के बीच भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान लगभग 300 परिवारों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। रविवार तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 82 तक पहुंच गई थी, जबकि 156 लोग घायल हुए थे। मृतकों में 66 शिया और 16 सुन्नी मुसलमान शामिल थे।
शिया-सुन्नी हिंसा की जड़
(Shia sunni conflicts in pakistan) कुर्रम जिला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है। यह इलाका दशकों से शिया-सुन्नी संघर्ष का गवाह रहा है। इस क्षेत्र में शिया मुसलमानों की बड़ी आबादी है, जबकि पाकिस्तान एक सुन्नी बहुल देश है।
दोनों समुदायों के बीच मुख्य विवाद जमीन को लेकर है। इसके अलावा, कुर्रम जिले का इतिहास भी इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2018 तक यह क्षेत्र अर्ध-स्वायत्त संघीय प्रशासित आदिवासी क्षेत्रों (फाटा) का हिस्सा था। इसके बाद इसे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मिला दिया गया, लेकिन स्थानीय प्रशासन अभी भी इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने में विफल रहा है।
बातचीत से निकलेगा हल ?
हिंसा को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कई कदम उठाए हैं:
-प्रांतीय सरकार ने दोनों समुदायों के नेताओं से बातचीत शुरू की।
-कुर्रम जिले में मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिया गया और मुख्य राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया।
-सरकारी वार्ताकारों का एक दल शनिवार को पाराचिनार पहुंचा, जो कुर्रम का मुख्य क्षेत्र है।
रविवार, 24 नवंबर को सरकारी मध्यस्थता टीम ने दोनों समुदायों के बीच सात दिन के संघर्ष विराम का समझौता करा दिया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि दोनों पक्ष कैदियों का आदान-प्रदान करेंगे और एक-दूसरे को शव लौटाएंगे।
प्रांतीय कानून मंत्री आफताब आलम अफरीदी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम कराना है। इसके बाद ही हम मूल मुद्दों को संबोधित कर सकते हैं।”
इस हिंसा के खिलाफ पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर और व्यावसायिक केंद्र कराची में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया था।