Pappu Yadav On Dhirendra Shastr (1)

‘हम ऐसे बाबाओं को बंदर कहते हैं’, महाकुंभ को लेकर धीरेंद्र शास्त्री पर क्यों भड़के सांसद पप्पू यादव?

बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री (Bageshwar Dham) के महाकुंभ को लेकर किए गए दावे पर कड़ा एतराज जताया है। बता दें कि बाबा बागेश्वर ने हाल ही में कहा था कि अब तक महाकुंभ में 60 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पप्पू यादव ने इसे झूठा और भ्रामक बताया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “हम ऐसे बाबाओं को बंदर कहते हैं, जो बिना तर्क के कोई भी आंकड़ा पेश कर देते हैं।”

बाबा बागेश्वर के दावे पर पप्पू यादव का तीखा पलटवार

सांसद पप्पू यादव ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 60 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह आस्था से जुड़ा विषय है, लेकिन झूठ फैलाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “जब बागेश्वर(Bageshwar Dham) और उनके माता-पिता पैदा भी नहीं हुए थे, तब से कुंभ चला आ रहा है। ऐसे में उन्हें कुंभ की ऐतिहासिकता और महत्व का ज्ञान नहीं है।”

(Bageshwar Dham)

उन्होंने आगे कहा, “भारत की कुल आबादी 140 करोड़ है, जिसमें 23-24 करोड़ लोग अन्य धर्मों से ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा, 84 करोड़ लोग ऐसे हैं जो बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तो फिर 60 करोड़ लोग कुंभ में कैसे स्नान कर सकते हैं?” उन्होंने सवाल किया कि आखिर “कौन-सी डिजिटल ताकत” इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों को गिनने का दावा कर रही है?

‘हम बंदर आदि की चर्चा नहीं करते’ – सांसद पप्पू यादव

सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वह ऐसे बाबाओं पर कोई चर्चा नहीं करना चाहते जो “बिना किसी आधार के संख्याएं बताते हैं और पब्लिक को गुमराह करते हैं।” उन्होंने कहा, “अब तो डिजिटल पर भी कुंभ स्नान होने लगा है! ये कितना बड़ा झूठ है। उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि “सनातन धर्म हमेशा से मजबूत रहा है और यह पूरी दुनिया को आकर्षित करता है। लेकिन इसे बदनाम करने का काम इन बाबाओं और झूठे प्रचार करने वाले नेताओं ने किया है।”

महाकुंभ पर गर्माती सियासत

सांसद पप्पू यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। पहले भी वे बाबाओं और धर्मगुरुओं के बयानों पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री(Bageshwar Dham) पर हमला बोलकर विवाद को और गहरा कर दिया है। दूसरी ओर, बागेश्वर बाबा के समर्थक उनके दावे को सही ठहरा रहे हैं और इसे सनातन संस्कृति का गौरव और हिंदू आस्था से जुड़ा मामला बता रहे हैं। इस बयानबाजी के चलते धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा आगे और कितना तूल पकड़ता है।

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