Parenting Tips: बच्चों को पालना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं (Parenting Tips) माना जाता। यह एक ऐसा काम है जिसके लिए ना ही किसी से तारीफ मिलती है और ना ही कोई अवार्ड, लेकिन एक बच्चे की अच्छी परवरिश और संस्कार माता पिता के लिए किसी अवार्ड से कम नहीं माने जाते। लेकिन बच्चा छोटा हो या फिर बड़ा उनके लालन पोषण के दौरान हर बात का ध्यान रखना, खाने से लेकर पढ़ाई, उनकी हर एक्टिविटी पर नजर रखनी पड़ती है। इतना ही नहीं कोई भी बात बच्चे के दिमाग को गलत तरीके से प्रभावित ना करे इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होता है।
लेकिन बच्चे की अच्छी परवरिश और उनकी गलत बातों व हरकतों को आप कैसे हैंडल करते है। यह एक अच्छे परवरिश की निशानी मानी जाती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही पेरेंटिंग टिप्स बताने जा रहे है। जहां पर बिना गुस्सा और चिड़चिड़ेपन से अपने बच्चे को अच्छी बातें व आदते सीखा सकते है।
अपनी गलतियों के लिए मांगे माफी
सभी जानते है कि हर इंसान से कोई ना कोई गलती होती रहती है। लेकिन उस गलती को टाल देना या फिर उसे स्वीकार करके आगे बढ़ना ये व्यक्ति के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। इसलिए सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि माता पिता को भी अपनी गलतियों पर आगे से माफी मांगनी चाहिए। अगर माता पिता बच्चों के सामने गलती होते हुए भी अपनी गलतियां नहीं मानेंगे तो बच्चे भी अपनी गलतियों को मानने से इंकार कर देगे और उसे नजरअंदाज कर देंगे। इसलिए अगर आपकी कही गलती है तो उसे जरूर स्वीकार करे और अपने बच्चे को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करे।
बच्चे को समय व प्यार दोनों दे
कई बार अपनी काम के बिजी शेड्यूल की वजह से माता-पिता दोनों ही अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में बच्चे को धीरे धीरे अकेले रहने की आदत पड़ने लगती है और वह अपनी मन की बातें भी शेयर नहीं कर पाते। ऐसी परिस्थिति में बच्चों का मानसिक रूप से विकास नहीं हो पाता क्योकि जो परवरिश माता- पिता मिलकर दे सकते है वैसी परवरिश कोई ओर नहीं दे सकता। इसलिए कोशिश करें कि घर पर कोई ऑफिस का काम नहीं करे और बच्चे को अहसास दिलाए कि आप उन्हें कितना प्यार करते है। इससे आप दोनों के बीच में रिश्ता मजबूत होगा।
गलती होने पर सही दिशा दिखाए
हर माता पिता का सपना होता है कि उनके बच्चा अपना करियर बनाए और उसमें सफल हो। उसे हर कार्य में सफलता मिले। लेकिन कई बार बच्चों की गलतियों पर माता पिता उन पर चीखने चिल्लाने और उन्हें सजा देने लगते है। ये सही तरीका नहीं है। बच्चे की सफलता या असफलता के लिए सिर्फ बच्चा ही नहीं माता पिता भी भागीदार होते है। इसलिए सबसे पहले आपका कर्तव्य बनता है कि बच्चे की किसी भी गलती पर डांटने से पहले उन्हें समझाए और उन्हें अपनी गलती बताए। अगर आगे भी बच्चा वहीं गलती करता है तो थोड़ा डांट सकते है लेकिन ज्यादा सख्ती के साथ नहीं। उन्हें उनके जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही दिशा दिखाए और उन्हें मोटिवेट करे।
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