संसद भवन

Parliament Winter Session: संसद के बाहर अडाणी-संभल हिंसा पर विपक्ष का प्रदर्शन, सदन में बहस की मांग

देश के विपक्षी दलों ने संसद की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले अडानी और संभल हिंसा को लेकर प्रदर्शन किया है। इंडिया गठबंधन में शामिल नेताओं ने मंगलवार की सुबह संसद गेट के बाहर ‘मोदी-अडानी एक हैं’ पोस्टर लेकर नारेबाजी करते नजर आए हैं। हालांकि इंडिया गठबंधन के इस विरोध प्रदर्शन में टीएमसी के नेता नहीं शामिल हुए हैं।

संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद सत्र शुरू होने से पहले ही बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस दौरान विपक्षी नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने इस दौरान नारे बाजी करते हुए कहा कि ’मोदी-अडानी भाई-भाई’ ,प्रधानमंत्री सदन में आओ। वहीं संसद के शीतकालीन सत्र पर JMM सांसद महुआ माजी ने कहा कि हमेशा से INDIA गठबंधन चाहता है कि सदन सुचारु रूप से चले। लेकिन सत्ता पक्ष किसी ना किसी मुद्दे पर हमेशा अड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि हम अपने झारखंड के भी बहुत सारे मुद्दे उठाना चाहते हैं, जैसे कोयले की रायल्टी का मुद्दा है। उन्होंने कहा सत्ता पत्र चाहते हैं कि सदन में बहस ना हो या INDIA गठबंधन चर्चा ना करे। उन्होंने कहा कि यह इनकी रणनीति बन चुकी है कि जब सब लोग किसी कारण से(विरोध में) बाहर हों, तो किसी महत्वपूर्ण बिल को पारित कर लें।

देश चलाने के संसद चलाना जरूरी

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के शीतकालीन सत्र पर कहा कि देश को चलाने के लिए संसद चलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही अगर ठीक से नहीं होगी, तो उसका सबसे ज्यादा नुकसान देश और विपक्ष सांसदों को होता है। हम बिना चर्चा के भी बिल पास कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास बहुमत है। लेकिन ऐसा करना हमें ठीक नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी दूसरे देश में किसी भारतीय के खिलाफ कोर्ट में कोई आदेश आता है, तो क्या सदन में उसकी चर्चा हमेशा जारी रहेगी?। विपक्ष के कई सांसद इस बात को महसूस कर रहे हैं कि सदन को बाधित करना ना तो देश हित में है और ना ही विपक्ष के हित में है। उन्होंने कहा कि ये दबाव कांग्रेस नेतृत्व के ऊपर गया है कि संसद को इस तरह से हंगामा करके रोकना, देश ऐसा नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज से सदन सुचारु रूप से चलेगा। हम 13 और 14 तारीख को लोकसभा में और 16 व 17 तारीख को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करेंगे।

सदस्यों ने लोकसभा से किया वॉकआउट

बता दें कि सत्र शुरू होने के बाद कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा से वॉकआउट किया है। हालांकि अध्यक्ष ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया है। इस दौरान लगातार नारेबाजी कर रहे कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा से वॉकआउट करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सरकार और विपक्ष के बीच दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा कराने पर आम सहमति बन गई थी।

अखिलेश यादव ने कहा मस्जिद पर मंदिर होने का दावा

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मस्जिदों पर मंदिर का दावा किए जाने वाली याचिकाओं पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संभल मामले को लेकर हमारा रुख पहले दिन से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि समाज में सौहार्द को बनाए रखने के लिए हमें संवेदनशील मुद्दों से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से अगर आप हर चीज को खोदोगे तो देश का सौहार्द खो दोगे। अखिलेश यादव का बयान ऐसे समय में आया है, जब बदायूं शम्सी जामा मस्जिद मामले की सुनवाई होने वाली है। वहीं लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे अखिलेश यादव ने संभल हिंसा के मुद्दे पर सदन में बहस की मांग को दोहराया है।