राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Paush Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि (Paush Amavasya 2024) का विशेष महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की 15 वीं तिथि अमावस्या तिथि होती है। पौष माह में आने वाली अमावस्या साल 2024 की पहली अमावस्या होगी जिसे पौष अमावस्या कहते है। इस साल पहली अमावस्या 11 जनवरी 2024, गुरूवार के दिन पड़ रही है। पौष अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन पितरों के लिए पूजा और दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। लेकिन आज हम आपको अमावस्या के दिन तुलसी से जुड़े कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे है जिसे करने से आपको जीवन में लाभ और हर कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते है। तो आइए जानते है तुलसी से जुड़े कुछ उपाय:—
पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2024) 10 जनवरी 2024 की रात्रि 08 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन यानी 11 जनवरी के दिन शाम 05 बजकर 26 मिनट समाप्त होगी। इसी वजह से पूरे देश में 11 जनवरी 2024 को पौष अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन साधकों द्वारा गंगा स्नान और दान करते है। दान करने के बाद भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा की जाती है और फिर पितरों का तर्पण किया जाता हैं।
तुलसी से जुड़े कुछ उपाय
अमावस्या (Paush Amavasya 2024) के दिन तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि आती है। साथ ही इस दिन तुलसी में कच्चा दूध अर्पित करें और तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और परिवार के वैभव व खुशहाली की कामना करें। इसके अलावा अमावस्या के दिन पीले रंग का धागा लेकर उसमें 108 गांठ लगाएं और इस धागे को तुलसी के पौधे में बांधे। फिर तुलसी के पौधे की पूजा करें। ऐसा करने से साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। अगर आप चाहे तो पीले की जगह लाल रंग के धागे का इस्तेमाल कर सकती है और तुलसी के पौधे पर लाल रंग का कलावा बांध सकती है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
अमावस्या तिथि का महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। अमावस्या का दिन भगवान विष्णु, देवों के देव महादेव और सूर्य भगवान को समर्पित माना जाता है। इस दिन इन तीनों भगवान की उपासना की जाती है। इसके अतिरिक्त अमावस्या (Paush Amavasya 2024) तिथि पर पितरों का तृपण करना भी शुभ माना जाता है। पितरों का तृपण करने से उनकी आत्मा का शांति मिलती है। वहीं इस दिन दान का भी खास महत्व है। पितरों के नाम से किसी गरीब या जरूरतमंद को दान देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद उस व्यक्ति पर हमेशा बना रहता हैं।
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