Paush Amavasya 2024: ये संकेत देते हैं पितरों के क्रोधित होने का इशारा, करें ये काम
राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Paush Amavasya 2024: साल 2024 की पहली अमावस्या (Paush Amavasya 2024) तिथि 11 जनवरी,गुरूवार के दिन पड़ रही है और इस अमावस्या को पौष अमावस्या कहते है। इस दिन स्नान और दान करना काफी शुभ माना जाता है। अगर आपकों पिछले कुछ समय से ऐसे संकेत मिल रहे है जो आपकी उन्नति को प्रभावित कर रहे है तो ऐसे स्थिति में आपको संभल जाने की जरूरत है। ऐसे संकेत बताते है कि आपके पितर नाराज है और उसी वजह से ये अवरोध पैदा हो रहे है। माना जाता है कि अगर व्यक्ति द्वारा पितरों के लिए श्राद्ध नहीं करते, उनके लिए दान इत्यादि नहीं करते हैं तो वे अतृप्त रहते हैं और यही उनकी नाराजगी का कारण बनता है। जिससे पितृ दोष लगता है। तो आइए जानते है पितरों के नाराज होने के क्या संकेत है और उन्हें किस तरह से खुश किया जा सकता है।
पितरों के नाराज होने के संकेत:-
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब पितर (Paush Amavasya 2024) किसी बात से नाराज होते है तो इससे व्यक्ति के विवाह में बाधा उत्पन्न होने लगता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति की शादी की बात तो होती है लेकिन किसी ना किसी वजह से रिश्ता पक्का नहीं हो पाता।
- अगर आपके व्यापार,कारोबार और कार्य में बार बार बाधा आ रही है तो यह पितरों की नाराजगी का इशारा हो सकता है। जहां आपके काफी प्रयास करने के बाद भी बनते काम भी बिगड़ जाते है और सहयोगियों का भी साथ नहीं मिल रहा। अचानक व्यक्ति को धन की हानि होने लगे। ऐसी स्थिति में माना जाता है कि घर के पितर उस व्यक्ति से नाराज है।
- अगर आपके परिवार के सदस्यों के बीच में छोटी छोटी बातों पर विवाद और अनबन हो रही है, मनमुटाव रहने लगे और घर में क्लेश बढ़ जाए तो समझ ले कि पितर नाराज है। इसके अलावा पितृ दोष के कारण परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य लगातार खराब रहता है। परिवार का एक सदस्य ठीक होता है तो दूसरा बीमार हो जाता है या फिर कोई एक व्यक्ति लंबे समय तब बीमार हो सकता है।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय:-
अगर आपकों भी यह संकेत(Paush Amavasya 2024) मिल रहे है तो पितरों का खुश करने के लिए पितृ पक्ष या फिर अमावस्या के दिन कई तरह के उपाय बताए गए है। आइए जानते है इन उपायों के बारें में:—
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष से मुक्ति और पितरों को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को त्रिपिंडी श्राद्ध करवाना चाहिए। कहा जाता है कि इसके लिए किसी योग्य पंडित की मदद से ही त्रिपिंडी श्राद्ध करवाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा आप अमावस्या के दिन स्नान करके पितरों को कुश और जल से तर्पण दे सकते है।ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए पंचबलि कर्म और दान करना चाहिए। पंचबलि कर्म में पितरों को भोजन कराया जाता है और घर भोजन बना कर कुत्तों, कौआ, गाय आदि को खिलाया जाता है।साथ ही इस दिन अन्न और सफेद वस्त्र का दान करना भी काफी शुभ माना जाता है।
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