केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल भूमि बंदरगाह पर एक नए यात्री टर्मिनल और कार्गो गेट का उद्घाटन करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से हो रही सीमा पर घुसपैठ को नियंत्रित किए बिना राज्य में शांति स्थापित नहीं की जा सकती। शाह का मानना है कि अगर 2026 में उनकी पार्टी भाजपा सत्ता में आती है, तो वे अवैध प्रवासन पर पूर्ण रूप से नियंत्रण कर पाएंगे।
अमित शाह ने इस अवसर पर कहा, “यह भूमि बंदरगाह न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच संपर्क और संबंधों को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि व्यापारिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा।” उन्होंने बताया कि यह बंदरगाह क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा। उनका कहना था कि जब सीमा पार लोगों की वैध आवाजाही के लिए उचित साधन नहीं होते हैं, तो लोग अवैध तरीकों का सहारा लेते हैं, जो कि देश की शांति को प्रभावित करता है।
राजनीतिक बदलाव की अपील
अमित शाह ने मौजूदा तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लोगों से 2026 में राजनीतिक बदलाव लाने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं बंगाल के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे भाजपा को अवसर दें। हमारी सरकार घुसपैठ पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाएगी और राज्य में शांति सुनिश्चित करेगी।”
पेट्रापोल बंदरगाह का महत्व
उत्तर 24 परगना जिले में स्थित पेट्रापोल बंदरगाह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भूमि बंदरगाह है। यह भारत-बांग्लादेश के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारा है, जहाँ से लगभग 70 प्रतिशत व्यापार होता है। यह भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है, जो हर साल लगभग तेईस लाख यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करता है। नए यात्री टर्मिनल के खुलने से बुनियादी ढांचे में काफी सुधार होगा और आव्रजन, सीमा शुल्क, तथा सुरक्षा सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इससे प्रतिदिन 20,000 यात्रियों की आवाजाही की संभावनाएं बढ़ेंगी।
आधारशिला से लेकर उद्घाटन तक
गृहमंत्री शाह ने इस परियोजना की आधारशिला पिछले साल 9 मई को रखी थी। भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण ने इस क्षेत्र में ट्रकों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए नया कार्गो गेट बनाने का निर्णय लिया था। प्रतिदिन लगभग छह से सात सौ ट्रकों के आवागमन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
अमित शाह का यह बयान पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। उनका कहना है कि बांग्लादेश से घुसपैठ पर रोक लगाने के बिना राज्य में शांति स्थापित करना संभव नहीं है। यदि भाजपा 2026 में सत्ता में आती है, तो यह मुद्दा प्राथमिकता में रहेगा। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में सही नीतियों के साथ शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, जो कि स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की जाएगी।