अजमेर शरीफ दरगाह पर पीएम मोदी की भेजी गई चादर नहीं चढ़ाने की मांग, कोर्ट में याचिका दाखिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेजी है। लेकिन अब हिंदू सेना ने पीएम मोदी की तरफ से पेश होने वाली चादर पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। इसको लेकर हिंदू सेना ने अजमेर जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल की है, जिस पर 4 जनवरी की सुबह 10 बजे सुनवाई होनी है।

क्या है मामला

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 813वें उर्स के मौके पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के हाथों अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेजी है। लेकिन ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता ने कहा कि इस पर रोक लगनी चाहिए। विष्णु गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री पद द्वारा चादर भेजने से हमारा केस प्रभावित होगा, इसलिए तत्काल चादर भेजने पर रोक लगनी चाहिए।

कोर्ट में होगी सुनवाई

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने के खिलाफ हिंदू सेना ने कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए अर्जी डाली है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में शनिवार की सुबह दस बजे सुनवाई होगी। बता दें कि अजमेर के सिविल जज मनमोहन चंदेल की अदालत में इस मामले पर सुनवाई की जाएगी।

अजमेर में सुरक्षा बढ़ी

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई चादर को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चार जनवरी को अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पेश करेंगे। लेकिन केंद्रीय मंत्री के आने से पहले ही अजमेर में जिला प्रशासन मुस्तैद है, इतना ही नहीं अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी कई गई है। वहीं इसको लेकर अजमेर के डिविजनल कमिश्नर महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के बेहतरीन इंतजाम किये हैं, जिससे किसी तरह की असुविधा न हो। इसके अलावा अजमेर रेंज के डीआईजी ओमप्रकाश मेघवाल ने बताया कि लगभग पांच हजार पुलिसकर्मियों को यहां पर तैनात किया गया है। इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन से सुरक्षा व्यवस्था पर पूरी नजर रखी जाएगी।

हिंदू संगठनों ने पीएम मोदी को भेजा था पत्र

बता दें कि सनातन धर्म रक्षा संघ अजमेर, राजस्थान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र में हिंदू संगठन ने इस बार अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813 वें सालाना उर्स में अकीदत की चादर ना भेजने का आग्रह किया था। पत्र में लिखा था कि इस वर्ष दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर विवाद अजमेर न्यायालय में पेश होने से मामला विचाराधीन है। इसलिए संगठन ने कहा था कि ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजने से आमजन में यह भावना होगी कि प्रधानमंत्री मोदी विवादित स्थान को दरगाह होने की पुष्टि करते हैं। इससे ये मामला न्याय प्रक्रिया में बाधक हो सकती है। बता दें कि पीएम मोदी हर साल उर्स (वर्षगांठ) पर ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजी जाती है।

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