PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024: भाजपा की फसी हुई नैया के खेवैया बनकर सामने आए पीयूष गोयल को भाजपा ने लोकसभा (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) के चुनावी मैदान में उतार दिया है। मैदान है महाराष्ट्र का, मुंबई उत्तर। पर पीयूष गोयल के लिए अगर कहा जाए तो वो हर खाने में भाजपा के लिए खेवैया ही बने हैं। जिसके कई कई उदाहरण देखने को मिल सकते हैं। पर असल में पीयूष गोयल हमेशा से राजनीतिज्ञ नहीं हैं, वो चार्टेड अकाउंटेंट थे। वो भी पूरे देश भर में दूसरे स्थान पर अपना नाम लिखवाने वाले। आइये जानते हैं इनकी पूरी कहानी…
बचपन से राजनैतिक माहौल मिला, आखिरकार राजनीति भी…
पीयूष गोयल के पिता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बहुत लंबे अरसे से जुड़े (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) हुए थे और संघ से जुड़े लोगों का घर पर आना जाना था। इसी प्रकृति और वातावरण में पीयूष उन्हीं लोगों के बीच पले बड़े हुए। राजनीति का संग तो संघ से मिलने लगा था और पिता वेद प्रकाश गोयल की सक्रियता इतनी थी की उस समय के भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेताओं से सीधा संपर्क और उन्हीं के साथ काम कर के ज़्यादातर समय बीतता था। भाजपा के बड़े नेताओं में अटल बिहारी वाजपेयी, बाला साहब देवरस और आडवाणी शामिल थे। इनकी संगत से भी पीयूष गोयल में राजनीति के बीच फूटने लगे थे। परंतु पिता ही नहीं माता भी राजनीति में सक्रिय भूमिकाएँ निभाती रहीं थीं।
1984 में हैप्पी बना पीयूष गोयल…
राजनीति के चलते सिर्फ भाजपा के ही नहीं कई अन्य दलों के नेताओं का भी गोयल निवास (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) में आना जाना लगा रहता था। इसी के चलते 1984 में शिव सेना के प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की मीटिंग अटल बिहारी वाजपेयी के साथ गोयल निवास में ही हुई। यहीं दोनों दलों के बीच गठबंधन की नींव रखी गयी। गठबंधन को लेकर सारी चर्चाओं का प्रमुख स्थान पीयूष गोयल के घर गोयल निवास में ही हुई।
माता ने भी दिया राजनीति का गुरु ज्ञान
आपातकाल की स्थिति में जब व्यवस्थाओं में बदलाव हुआ तो भी पीयूष गोयल की माता (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) चंद्र कांता गोयल एक पार्षद के रूप में कार्यरत रहीं। इसके बाद महाराष्ट्र के विधानसभा में माटुंगा विधासभा सीट से नेतृत्व में आईं। इसके बाद भाजपा के कोषाध्यक की ज़िम्मेदारी भी गोयल परिवार के चिराग को ही सौंपी गयी। सिर्फ ज़िम्मेदारी नहीं। पिता के संपर्क और उनके व्यवहार के कारण मिले सहयोग से पीयूष गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के कोश को धन से भरने का काम किया और वहाँ भी वो सफल साबित हुए।
चुनाव प्रचार का अभ्यास पुराना
पीयूष गोयल के लिए चुनाव प्रचार करना नया नहीं है। पहले माता के लिए चुनावी मैदान में उतर कर वोट मांगे जब माता पार्षद बनीं। इसके बाद माता के लिए ही विधानसभा चुनाव के लिए भी घर – घर जाकर प्रचार किया और माता को विधानसभा तक ले जाने में सहायक हुए। पीयूष गोयल के लिए चुनाव प्रचार की प्रक्रिया का अभ्यास बचपन से सामान्य ही माना जाता है। मुंबई में जन्म हुआ और उसके बाद कर्मभूमि और जन्मभूमि महाराष्ट्र ही रही तो जन संपर्क भी काफी आसानी रही।
राज्यसभा से लोकसभा की टीकेट क्यों मिली?
राष्ट्रीय स्तर पर पीयूष गोयल अपने आप में एक विशेष स्थान रखते हैं। केन्द्रीय मंत्री (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) रहते हुए कई फैसले देश हित में लिए जिनकी खूब प्रशंसा भी हुई। इसके आलवा राजनीति और राजनीतिज्ञाओं से पुरानी जाह पहचान की वजह से भी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। 2014 से भाजपा का चुनाव चेहरा रहे नरेंद्र मोदी और राजनीति में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के साथ नज़दीकियों ने आंतरिक विश्वास को अगाढ़ कर दिया है। कार्य प्रणाली और साफ छवि की वजह से भाजपा के लिए सबसे सेफ कैंडिडैट के तौर पर उभर कर आए और भाजपा ने टिकट दिया मुंबई उत्तर से।
कई पदों का बढ़ाया है मान
पीयूष गोयल ने सिर्फ राजनीति ही नहीं अपनी शिक्षा के आधार पर कई ऐसे पदों पर भी काम (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) किया है। जहां बैंक, जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नामित निदेशक पर सरकार ने स्थापित किया। नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार के प्रथम कार्यकाल में पीयूष गोयल ने बिजली और कोयला, नवीन ऊर्जा जैसे मंत्रालय दिये गए। इसके बाद उन्हें रेल मंत्री बनाया गया। इसके बाद अरुण जेटली के स्वस्थ नहीं होने की वजह से वित्त मंत्रालय का भार भी पीयूष गोयल को ही सौंपा गया।
कोविड काल में 80 करोड़ लोगों तक पहुंचाया खाना
पूरे विश्व में जब कोविड ने कोहराम मचाया हुआ था तब भारत ताकत बन कर उभरा। इसी समय जन जन तक पेट भरने के लिए भोजन की व्यवस्था मोदी सरकार में की गयी। इसकी ज़िम्मेदारी भी पीयूष गोयल ने बखूबी निभाई और 80 करोड़ लोगों के दरवाजे तक खाद्यान्न पहुंचाया। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना की क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी पीयूष गोयल के हाथ में ही थी।
नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में भी पीयूष रहे सहायक
नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता में दूसरे कार्यकाल में भी पीयूष ने महत्वपूर्ण भूमिका (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) निभाई है। पहले उन्हें वाणिज्या और उद्योग मंत्रालय ही दिया गया था। जिसमें भी विदेश नीतियों के साथ व्यापार की बड़ी चुनौतियों को पार कर भारत की अंर्तष्ट्रीय व्यापार नीतियों को बनाए रखा और अधिक सुचारु रूप से निर्वहन भी किया। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन हुआ और उनके हिस्से की ज़िम्मेदारी और मंत्रालय भी पीयूष गोयल ने संभाले।
जनता की सेवा का एक और मौका मिला है…
भाजपा की तरफ से मुंबई उत्तर की टिकट पर चुनावी मैदान में उतारने पर सवाल पूछा (PIYUSH GOYAL LOKSABHA2024) गया तब पीयूष गोयल ने कहा कि मैं इस चुनाव को लेकर कार्यकर्ता के तौर पर भी काफी उत्साहित था। अब उत्साह दोगुना हो गया है। चुनाव में पार्टी और चुनाव के बाद जनता के लिए काम करने को उनके हितों के लिए खुद को समर्पित करने को तैयार हूँ। भाजपा के प्रधान नेतृत्व का मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता रहेगा और इसी आशा से चुनावी मैदान में उतर कर जनता के बीच जाने के लिए तैयार हूँ।
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