अमेरिका के साथ भारत की MQ9b ड्रोन डील, कोलकाता में लगाया जाएगा सेमीकंडक्टर प्लांट

MQ9b Drone: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के डेलावेयर में राष्ट्रपति जो बाइडन के आवास पर क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बातचीत की। इस दौराना दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन सौदा और कोलकाता में एक सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना शामिल थी।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो मानव प्रयास के सभी क्षेत्रों को कवर करती है। यह साझेदारी साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, हितों की समानता और जीवंत जन-से-जन संबंधों से प्रेरित है।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी और बाइडल के बीच हुई बातचीत का फोकस आपसी हित के क्षेत्रों में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय साझेदारी को बेहतर बनाने पर था। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों। जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र भी शामिल है पर अपने विचार व्यक्त किए।

वहीं व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लोगों, हमारे नागरिक और निजी क्षेत्रों और हमारी सरकारों के अथक प्रयासों ने अमेरिका-भारत साझेदारी को आने वाले दशकों में और भी ऊंचाइयों की ओर अग्रसर किया है।”

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन सौदा

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी पर चर्चा की। जिसमें ड्रोन की खरीद और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत द्वारा 31 जनरल एटॉमिक्स MQ-9B (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) ड्रोन की खरीद का स्वागत किया। ये ड्रोन भारत की सशस्त्र सेनाओं की खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को बढ़ाएगा।

बता दें कि अमेरिका ने फरवरी में भारतीय सेना को 31 MQ-9B ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी, जिसकी अनुमानित लागत 3.99 अरब डॉलर है। 31 ड्रोन में से भारतीय नौसेना को 15 सी गार्जियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि भारतीय वायु सेना और सेना को आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन दिए जाएंगे।

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन में क्या है खास ? 

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की खास बात ये है कि ये बीना आवाज किए चुपचाप उड़ान भरने की क्षमता रखता है। इसका स्टेल्थ फीचर इसे दूसरे ड्रोन से अलग बनाता है। यह ड्रोन जमीन से लगभग 250 मीटर की दूरी पर उड़ान भर सकता है। इसकी खासियत है कि जब ये उड़ान भरेगा, तो सामने वाले को इस बात का आभास भी नहीं होता कि ये वहां ( जब तक कि इसे देखा न जाए) मौजूद है।

कितान भार ले जा सकता है MQ-9B ड्रोन

MQ-9B ड्रोन लगभग 1,700 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है। जिसमें चार मिसाइलें और लगभग 450 किलोग्राम के बम शामिल हैं। यह बिना ईंधन भरे 2,000 मील की यात्रा कर सकता है। यह ड्रोन एक सामान्य विमान से भी ऊंचाई पर उड़ सकता है। लगभग 50,000 फीट की ऊंचाई पर और इसकी अधिकतम गति 442 किमी/घंटा है। ड्रोन की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है कि ये लंबे मिशन पर किसी भी मौसम में तैनात होने की क्षमता रखता है। एयर-टू-एयर मिसाइलों के अलावा इसे एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों से भी लैस किया जा सकता है।

कोलकाता में सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोलकाता में एक नए सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट की स्थापना पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और ग्रीन एनर्जी के लिए नए सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट की स्थापना के लिए की गई व्यवस्था की सराहना की। बता दें कि इस प्लांट की स्थापना भारत सेमीकंडक्टर मिशन के समर्थन के साथ-साथ भारत सेमी, 3rdiTech, और अमेरिकी स्पेस फोर्स के बीच एक रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के तहत की जाएगी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ग्लोबलफाउंड्रीज़ कोलकाता पावर सेंटर चिप निर्माण में रिसर्च और विकास को बढ़ाएगा। इसके आलवा शून्य और निम्न उत्सर्जन वाले जुड़े हुए वाहनों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों, AI, और डेटा केंद्रों के लिए गेम-चेंजिंग साबित होगा।

भारत की स्थायी सदस्यता सुरक्षा परिषद में

बातचीत के दौरान, बाइडन ने कहा कि अमेरिका वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए पहलों का समर्थन करता है ताकि भारत की महत्वपूर्ण आवाज़ को दर्शाया जा सके। जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता शामिल है।व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की हाल की पोलैंड और यूक्रेन की यात्राओं की सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी की शांति का संदेश और यूक्रेन के लिए चल रही मानवीय सहायता, जिसमें उसके ऊर्जा क्षेत्र के लिए समर्थन भी शामिल है और अंतर्राष्ट्रीय कानून विशेष रूप से यूएन चार्टर के महत्व की भी प्रशंसा की।

ग्रीन एनर्जी

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने सुरक्षित और सुरक्षित वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए अमेरिका-भारत रोडमैप की सराहना की। जिसने स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और घटकों के अमेरिकी और भारतीय निर्माण के माध्यम से सुरक्षित और सुरक्षित स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं के विस्तार को तेज़ करने के लिए एक नई पहल शुरू की।

शुरुआती दौर में दोनों देश मिलकर स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, पावर ग्रिड और ट्रांसमिशन प्रौद्योगिकियों, उच्च दक्षता वाले कूलिंग सिस्टम, शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों, और अन्य उभरती स्वच्छ तकनीकों के लिए $1 बिलियन के बहुपक्षीय वित्त पोषण को अनलॉक करने के लिए काम करेंगे।

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