प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के असम दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे। 24 फरवरी को उन्होंने चाय उद्योग के 200 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चाय की खुशबू और उसका रंग सबसे बेहतर वही समझ सकता है, जो खुद चाय बनाता है।
गुवाहाटी में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने झुमुर नृत्य के कलाकारों की मेहनत की सराहना की और असम की चाय से राज्य के गहरे रिश्ते को स्वीकार किया। उन्होंने अपने पुराने दिनों को भी याद किया, जिसका जिक्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
इस बयान पर गूंज उठी तालियां
Guwahati, Assam: PM Narendra Modi says, “…This incredible preparation carries both the fragrance and beauty of the tea gardens. And you already know—who can understand the aroma and color of tea better than a ‘Chaiwala’? Just as you share a special connection with Jhumar and… pic.twitter.com/s843tzVyEP
— IANS (@ians_india) February 24, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “झुमुर नृत्य के कलाकारों की तैयारी चारों तरफ दिख रही है। इस तैयारी में चाय बागानों की खुशबू और उनकी खूबसूरती भी शामिल है। आप सब जानते हैं, चाय की महक और रंग को ‘चायवाले’ से बेहतर भला कौन समझ सकता है?” जैसे ही उन्होंने यह कहा, पूरा स्टेडियम तालियों की गूंज से भर उठा।
’60 से ज्यादा देशों के राजदूत चाय का स्वाद साथ ले जाएंगे’
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को उनके जैसा बेहतरीन ब्रांड एंबेसडर मिला है। आज 60 से ज्यादा देशों के राजदूत असम का अनुभव करेंगे और यहां की चाय का स्वाद अपनी यादों में बसाकर ले जाएंगे।
जिस तरह आपका इनसे खास रिश्ता है, वैसे ही मेरा भी है- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुमुर और बागान संस्कृति से अपने गहरे जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, “जिस तरह आपका इनसे खास रिश्ता है, वैसे ही मेरा भी है।” उन्होंने यह भी बताया कि जब इतनी बड़ी संख्या में कलाकार झुमुर नृत्य करेंगे, तो यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनेगा। पीएम मोदी ने अपने 2023 के असम दौरे की याद दिलाते हुए कहा, “जब मैं दो साल पहले असम आया था, तब 11,000 से ज्यादा लोगों ने एक साथ बिहू नृत्य कर एक रिकॉर्ड बनाया था।”
चाय उद्योग के 200 साल हुए पूरे
असम के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें असम के चाय उद्योग के 200 साल पूरे होने का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में चाय जनजाति समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मान दिया गया। असम सरकार द्वारा आयोजित इस समारोह में लगभग 60 देशों के मिशन प्रमुखों ने भाग लिया और झुमइर बिनंदिनी कार्यक्रम का आनंद लिया। इसमें पूर्वोत्तर भारत की पारंपरिक संस्कृति को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया।