PM मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा के लिए रवाना, BRICS समिट में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए रूस के कजान रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी की दो दिवसीय यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। वहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

पुतिन के अलावा, प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलने की संभावना है, साथ ही अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा कि “भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है, जो वैश्विक विकास एजेंडा, सुधारित बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण, सांस्कृतिक और जन-जन के बीच संपर्क को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।”

उन्होंने कहा कि कज़ान की उनकी यात्रा भारत और रूस के बीच “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।”

यह शिखर सम्मेलन वैश्विक अशांति जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संकट शामिल हैं की पृष्ठभूमि में हो रहा है।

कब हुई ‘ब्रिक्स’ की स्थापना

‘ब्रिक्स’ की जब साल 2006 में स्थानपना हुई थी तो इसे ‘ब्रिक’ नाम से जाना जाता था। उस दौरान इसके सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, चीन और भारत थे। लेकिन साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें शामिल हो गया। जिसके बाद इसका नाम ‘ब्रिक’ से बदल कर ‘ब्रिक्स’ कर दिया गया।

 इन देशों को भी मिला है निमंत्रण

इस साल ब्रिक्स समिट की मेजबानी रूस कर रहा है। इसके स्थाई सदस्य देश ब्राजील, रूस, चीन भारत और दक्षिण अफ्रीका के आलाव अन्य देशों को भी इसमें शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। जिनमें  मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, यूएई, अल्जीरिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, बहरीन, बेलारूस, बोलीविया, कांगो, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मलेशिया, मॉरिटानिया, मेक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, निकारागुआ, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, टर्की, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, वेनेजुएला, वियतनाम, सर्बिया और फिलिस्तीन शामिल हैं।

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