सुभाष चंद्र बोस जयंती

भारत को विकसित बनाने के लिए हमे अपने कम्फर्ट जोन से निकलना होगा बाहर: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और देशवासियों से ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने देश की एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों को लेकर भी लोगों को सतर्क किया।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की आजादी में नेताजी के योगदान और उनकी विरासत को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरा देश उन्हें श्रद्धा के साथ याद कर रहा है। मैं नेताजी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

अपनी सुविधाओं के दायरे से बाहर आना होगा- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा कि वे कभी आरामदायक जिंदगी में नहीं फंसे। उन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपनी सीमाओं से बाहर निकलकर काम किया। पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को भी एक विकसित भारत बनाने के लिए अपनी सुविधाओं के दायरे से बाहर आना होगा।

उन्होंने कहा कि नेता जी का पूरा ध्यान देश के स्वराज (स्वयं शासन) पर था, और इसी उद्देश्य ने हर वर्ग के लोगों को उनके साथ जोड़ दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हमें भी एकजुट होकर भारत को विकसित बनाने की दिशा में काम करना होगा। हमें श्रेष्ठता को अपनाना होगा और अपनी महारत को निखारना होगा।”

भारत को तोड़ने वालों से रहे सतर्क 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लें और देश की एकता को मजबूत बनाएं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि हमें उन लोगों से सतर्क रहना चाहिए जो भारत को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं।

अंडमान के द्वीपों का नाम बोस के ऊपर

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर बताया कि उनकी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में कई काम किए हैं। इनमें अंडमान के द्वीपों का नाम नेताजी के नाम पर रखना, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा लगाना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी को भारत की विरासत पर गर्व था।

 

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