Police Extortion Case : खाकीधारियों द्वारा पुलिस से करोड़ों रुपये की उगाही का मामला बीजेपी नेता की संलिप्तता के कारण कच्छ से लेकर कमलम गांधीनगर तक पहुंच गया है। कच्छ जिले की व्यवस्था में संगठनकर्ता होने का आभास रखने वाले खादीधारी ने रुपये ट्रांसफर करने की सुपारी (Police Extortion Case) ले ली और पूरा मामला पलट गया। 3.75 करोड़ रुपये की पुलिस रंगदारी मामले में एक राजनेता की एंट्री से बैंकर्स के होश उड़ गए हैं।
बीजेपी के धवल आचार्य की भूमिका
एक चर्चा के अनुसार कच्छ में कालिख पोतने का काम खादी धारी के इशारे पर किया जाता है। गांधीनगर कमलम में निजी चर्चाओं में कच्छ बीजेपी महासचिव धवल आचार्य का नाम खूब लिया गया है। कुछ दिन पहले डकैती मामले में गिरफ्तार आरोपी पंकिल मोहट्टा के पिता सुनीलभाई का एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। जिसमें धवल आचार्य के नाम का जिक्र है।
बताया जा रहा है कि जबरन वसूली मामले में सीधे तौर पर शामिल पंकज ठक्कर और धवल आचार्य दोस्त हैं। ऐसी भी चर्चा है कि धवल आचार्य ने पुलिस को लूट की रकम बरामद कराने में सक्रिय भूमिका निभायी है। शिकायत में दिए गए तथ्यों के मुताबिक, धवल आचार्य के चचेरे भाई और नीमा आचार्य के बेटे (नीमा आचार्य) के स्वामित्व वाले होटल रेडिसन गांधीधाम में पंकिल के साथ पंकज ठक्कर, शिकायतकर्ता अनिल पंडित और जिग्नेश प्रजापति ने एक बैठक की थी।
फिरौती की रकम पाने के लिए पंकिल को पीटा
मार्च-2023 में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में पंकज ठक्कर ने धवल आचार्य की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। कच्छ की सरकारी व्यवस्था को अपनी जेब में लेकर घूम रहे धवल आचार्य मामले को सुलझाने के लिए पुलिस अधिकारियों से संपर्क करते हैं और पंकिल मोहता से वसूली करने (Police Extortion Case) का आदेश देते हैं। गांधीधाम एलसीबी (Gandhidham LCB) पीआई एम एम जड़ेजा दो निजी कारों में टीम के साथ आते हैं और अवैध रूप से पंकिल मोहता को घर से ले जाते हैं।
आरोप है कि पंकिल को करीब 27 घंटे तक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया और करोड़ों रुपये वसूले गए। पूरी घटना का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है और धवल आचार्य और पुलिस के व्यवहार को उजागर कर रहा है। ऑडियो क्लिप में यह भी बताया गया है कि साइबर सेल पीएसआई जाला ने सुनील मोहट्टा से बातचीत में स्वीकार किया है कि पंकिल को फंसाया गया है।
क्या ट्रक में ‘पोस्ता’ था?
जब पंकिल मोहता की पिटाई हुई तो दुबई में रहने वाले उनके पिता सुनील मोहता ने पंकज ठक्कर के पिता करशनभाई से फोन पर बात की और अपना दुख जताया था। पंकज के पिता और पंकिल के पिता के बीच हुई बातचीत के वायरल ऑडियो क्लिप से कई बातें सामने आ रही हैं। पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रक में सुपारी नहीं बल्कि चूरापोस्त था।
भारत में पोस्ता फूल के अंदर होने पर भारत में प्रतिबंधित है और यह एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) के अंतर्गत आता है। ऑडियो में लगाए गए आरोप के मुताबिक शिकायतकर्ता अनिल पंडित पंकज ठक्कर के लिए सामान पलटने का काम करता है। पंकज पर आरोप है कि उसने मुंद्रा अडानी बंदरगाह से पोस्ता दाना के 20 कंटेनर निकाले और दुबई स्थित मनीषकुमार जैन के साथ पान-काली मिर्च का कारोबार भी किया। जब्त ट्रकों में ऐसा क्या था कि अनिल पंडित पुलिस को 3.75 करोड़ रुपये देने को तैयार है, यह सोचने वाली बात है।
1 करोड़ की 3.75 करोड़ की सुपारी क्यों दी?
अनिल पंडित द्वारा पुलिस को सौंपे गए बिल के मुताबिक कंटेनर-ट्रक में 1 करोड़ 54 हजार रुपये की 27,160 किलोग्राम सुपारी लदी हुई थी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि शिकायत के मुताबिक, शिकायतकर्ता अनिल पंडित को पता चला कि 13 अप्रैल की शाम साढ़े सात बजे सोपारी की कार को रोका गया और 1,00,54,044 रुपये का ऑनलाइन ई-वे बिल चालान किया गया।
रात 9 बजे मोहित एंटरप्राइज़ द्वारा बनाया गया था। माल खरीदने वाली दिल्ली की सागर ग्लास ट्रेडर्स नामक कंपनी है। ग्लास कंपनी के नाम पर रात में बना बिल और शाम को पुलिस द्वारा पकड़ा गया पान से भरा कंटेनर विरोधाभासी साक्ष्य हैं।
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