महाराष्ट्र maharashtra

महाराष्ट्र में सियासी हलचल: देवेंद्र फडणवीस ने RSS चीफ मोहन भागवत से की मुलाकात

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का नतीजा 23 नवंबर को आएगा। लेकिन परिणाम आने से पहले ही राज्य में सियासी हलचल बढ़ चुकी है। दरअसल कई एग्जिट पोल्स में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति गठबंधन को बहुमत का आंकड़ा मिलने की बात कही गई है। जिसके बाद बीजेपी के सीनियर नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस बीते बुधवार शाम (21 नवंबर 2024) को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल 2024

एग्जिट पोल में चाणक्या स्ट्रैटीज के मुताबिक महायुति यानी एनडीए को 152-160, एमवीए/इंडिया अलायंस को 130-138 और अन्य को 6-8 सीट मिलती दिख रही है। वहीं लोकशाही मराठी रुद्रा के मुताबिक महायुति यानी एनडीए को 128-142, एमवीए/इंडिया अलायंस को 125-140 और अन्य को 18-23 मिलता दिख रहा है। मैटराइज के आंकड़ों के मुताबिक महायुति यानी एनडीए को 150-170, एमवीए/इंडिया अलायंस को 110-130 और अन्य को 8-10 सीट मिलती दिख रही है। वहीं पीपुल्स पल्स के मुताबिक महायुति यानी एनडीए को 175-195 और एमवीए/इंडिया अलायंस को 85-112 और अन्य को 7-12 सीट मिलती दिख रही है। बता दें कि सरकार बनाने के लिए बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 145 सीटों की जरूरत होगी।

लंबी चली बैठक

सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस बीते बुधवार शाम आरएसएस मुख्यालय पहुंचे थे। वहां वह संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिले थे। जानकारी के मुताबिक यह मीटिंग करीब 20 मिनट तक चली थी। इस दौरान बैठक में संघ के भैयाजी जोशी भी मौजूद थे। हालांकि बीजेपी के किसी भी नेता ने इस मीटिंग को लेकर कुछ बताया नहीं है, लेकिन चर्चा हो रही है कि सीएम पोस्ट पर आरएसएस ने फडणवीस के नाम को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी समर्थन देवेंद्र फडणवीस को है।

बीजेपी को मिल सकता है बहुमत

एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में हुई ज्यादा वोटिंग से बीजेपी उत्साहित है। इतना ही नहीं खुद फडणवीस ने बीते बुधवार को कहा था कि वोटिंग बढ़ने का फायदा उन्हें ही होगा। बीजेपी और महायुति को फिर से जनता का आशीर्वाद मिलेगा। बता दें कि महाराष्ट्र में इस बार वोटिंग प्रतिशत 65 प्रतिशत से अधिक रहा है।

कौन कितनी सीटों पर लड़ा था चुनाव?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी 149, शिवसेना 86, अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वहीं महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस 101, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 95 और शरद पवार की एनसीपी ने 86 कैंडिडेट उतारे थे। एमवीए में उद्धव ठाकरे और शरद पवार को एकनाथ शिंदे और अजित पवार की अपेक्षा अधिक सीटें मिली थीं।