Politics : नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता के एक बयान से भूचाल सा आ गया है और किसान कांग्रेस से खासे नाराज नजर आ रहे हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने के मुद्दे पर कांग्रेस घिर गई है। कांग्रेस घोषणापत्र कमेटी के सदस्य प्रवीण चक्रवर्ती ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि किसानों को सिर्फ एमएसपी देने का वादा किया गया है। यह कितनी फसलों पर दिया जाएगा, इसका फैसला अभी नहीं लिया गया है। इस बयान के बाद सियासत गरमा गई है।
केंद्र सरकार दे रही 23 फसलों पर एमएसपी का लाभ
इधर बात करें केंद्र सरकार की तो फिलहाल केंद्र सरकार 23 फसलों पर किसानों को एमएसपी का लाभ दे रही है। पिछले दिनों एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया था। एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच लंबी वार्ता भी चली थी। लेकिन स्थायी समाधान नहीं हो सका था।
कांग्रेस के वादों पर लगा प्रश्नचिन्ह
चक्रवर्ती का यह बयान राहुल गांधी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किए गए वादों पर प्रश्नचिह्न लगाता है, जिन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी की बात कही है। उनका साफ कहना था कि वक्त आने पर गहराई से इस पर अध्ययन किया जाएगा और फैसला किया जाएगा।
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कांग्रेस की पांच गारंटियों शामिल है ये मुद्दा
खास बात ये है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पांच गारंटियों में एमएसपी की गारंटी का वादा भी शामिल है। चक्रवर्ती ने दो अहम बिंदुओं से पर्दा उठाया है, जिसने विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने इससे भी इन्कार किया कि एमएसपी स्वामीनाथन फार्मूला सी-2 प्लस 50 प्रतिशत के अनुरूप तय करने का वादा किया गया है।
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क्या है स्वामीनाथन फार्मूला सी-2 प्लस 50
स्वामीनाथन फार्मूला सी-2 प्लस 50 यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित और लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। ध्यान रहे कि किसान आंदोलन के समय जब इस मामले ने तूल पकड़ा था तो भाजपा ने 2010 में तत्कालीन कांग्रेस के मंत्री की ओर से दिए गए बयान को सामने रखा था, जिसमें कहा गया था कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा सकती है। अब कांग्रेस के इस अधर झूल वाले बयान से उनकी गारंटी पर लगा बड़ा प्रश्न चिन्ह कहीं कांग्रेस का नुकसान ना करवा दे।