loader

Pradosh 2024: शिव​रात्रि और प्रदोष का महासंयोग कल, जानें शुभ मुहूर्त

Masik Shivratri 2024

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Pradosh 2024: हिंदू धर्म के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष (Pradosh 2024) की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है और इस माह दोनों व्रत एक ही दिन यानी कल 9 जनवरी को किए जाएंगे। क्योंकि भौम प्रदोष और मासिक शिव​रात्रि व्रत दोनों की तिथि एक ही दिन पड़ रही है। प्रदोष व्रत में उदायतिथि के अनुसार रखा जाता है और शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष और शिवरात्रि का एक ही दिन होना काफी शुभ माना जाता है। आइए जानते है कैसे करे एक ही दिन दो व्रतों की पूजा और जानें शुभ मुहूर्त :—

एक ही दिन 2 व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार 9 जनवरी मंगलवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात 10 बजे तक रहेगी इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी तो पूरी रात रहेगी। कल दिन में त्रयोदशी तिथि होने से प्रदोष व्रत और रात में चतुर्दशी तिथि होने से मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। दोनों ही व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है।

प्रदोष और मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

मंगलवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष भौम प्रदोष कहलाता है। प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल (Pradosh 2024) अर्थात शाम के समय की जाती है और 9 जनवरी को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर रात 08 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा। इस दौरान भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाएगी। वहीं मासिक शिवरात्रि की पूजा देर रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट के बीच में कर सकते है। 9 जनवरी को 10:24 के बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी जो 10 जनवरी की रात 08:10 मिनट पर समाप्त होगी।

Pradosh aur Masik Shivratri ​2024
प्रदोष और मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

प्रात: जल्दी उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान (Pradosh 2024) के समक्ष व्रत व पूजा का संकल्प ले। दिन भर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और शाम को प्रदोष और मासिक शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त में शिवजी की पूजा करें। पूजा के समय पहले शुद्ध घी का दीपक जलाएं। गंगाजल और कच्चे दूध से शिवलिंग पर जल चढ़ाए अगर आपके पास शिवलिंग ना हो तो शिव भगवान की मूर्ति या फिर तस्वीर पर माला पहनाएं और कुमकुम से तिलक करें। फिर एक-एक करके धतूरा रोली, अबीर, चावल, बेलपत्र और सफेद फूल अर्पित करे और भगवान को भोग लगाए। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करे और पूजा के अंत में आरती करें। इस तरह पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती है। इस बात का खास ध्यान रखें कि इस​ दिन भगवान शिव को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता हैं ।

यह भी पढ़े: Ramlala Pran Pratishtha: 22 जनवरी को बनेंगे इंद्र समेत कई अद्भुत संयोग

OTT INDIA आपको खबरों से रखेगा अपडेट

OTT INDIA देश का नंबर 1 डिजिटल प्लेटफॉर्म है- जो देशवासियो को हर खबर में सबसे आगे रखता है। OTT इंडिया पर पढ़ें नेशनल, इंटरनेशनल, इलेक्शन, बिजनेस, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट समेत सभी खबरें। अब हर समाचार आपकी उंगलियों पर, हमारा नवीनतम Android और iOS ऐप डाउनलोड करें। ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ें।

[web_stories title="true" excerpt="false" author="true" date="false" archive_link="false" archive_link_label="" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="4" number_of_stories="8" order="DESC" orderby="post_date" view="grid" /]