Pradosh Vrat Date and Time: फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि के दिन ही रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Pradosh Vrat Date and Time: महादेव की आराधना के लिए मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Date and Time), महाशिवरात्रि और सावन माह सबसे महत्वूपर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इन दिनों में विशेष रूप से महादेव की पूजा अर्चना करने से पुण्यफलों की प्राप्ति होती है और साथ ही महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो वहीं शास्त्रों में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास और पवित्र माना जाता है। यह हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 08 मार्च 2024 को रखा जाएगा। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कई अदृभुत संयोग बनने जा रहे है। क्योंकि इस साल महाशिवरात्रि के दिन ही शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। आइए जानते है प्रदोष व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त :-
महाशिवरात्रि पर बन रहा है शुक्र प्रदोष व्रत का योग:-
इस साल महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत का योग एक ही दिन बन रहा है। इसलिए यह व्रत अतिफलदायी,सौभाग्य में वृद्धि और सुख समृद्धि देने वाला है। बता दें कि हर माह में दो प्रदोष व्रत रखे जाते है और प्रदोष व्रत भी महादेव को समर्पित होता है और इस दिन महादेव की प्रदोष काल में विधि विधान से पूजा की जाती है।
प्रदोष व्रत का महत्व:-
प्रदोष व्रत से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में ही भगवान शिव साक्षात शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान शिव की शिवलिंग के रूप में पूजा और जलाभिषेक करने से पुण्य और शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। वहीं हर दिन और हर माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत अलग अलग महत्व होता है। फाल्गुन माह में शुक्रवार के दिन पड़ने की वजह से इस प्रदोष को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। वहीं माना जाता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से साधक के शत्रुओं का नाश होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
शुक्र प्रदोष शुभ मुहूर्त:-
08 मार्च को पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर रात्रि 09 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। बता दें कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 08 मार्च की रात 09 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानिी 09 मार्च की शाम 06 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। लेकिन प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी शाम के समय होता है इसलिए प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा 08 मार्च की शाम को ही किया जाएगा।
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