Prashant Kishor

Prashant Kishor: पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबला कौन और कैसे कर सकता है? प्रशांत किशोर ने बताई रणनीति…

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Prashant Kishor: लोकसभा चुनाव कुछ ही दिन दूर हैं। दो हफ्ते के भीतर चुनाव आयोग आम चुनाव (Prashant Kishor) की घोषणा कर सकता है। इसलिए देश की सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी का लक्ष्य 370 सीटें जीतने का है। इसलिए इसके लिए अन्य दलों के निर्वाचित नेताओं के लिए पार्टी का दरवाजा खुला रखा गया है। हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हुए। तो चंडीगढ़ में विनोद तावड़े की मौजूदगी में तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए। इस बीच राजस्थान में कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत मालवीया ने भी बीजेपी से हाथ मिला लिया है।

मोदी को रोक पाना नहीं आसान

अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे देखते हुए देश (Prashant Kishor) की सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एक तरफ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए है, जो तीसरी बार सत्ता में आने के लिए छटपटा रही है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी के विजय रथ को रोकने की पूरी कोशिश कर रही हैं। इसी विजयी रथ को रोक पाना आसान नहीं होगा। इस बार मोदी 400 पार सीटों की बात कर रहे हैं और ये दावा भाजपा का हर छोटा बड़ा नेता और कार्यकर्ता करता हुआ नज़र आ रहा है।

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आपको 5 साल तक कड़ी मेहनत करनी होगी

इस बीच मशहूर चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज संगठन के संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का बड़ा बयान सामने आया है। प्रशांत किशोर का कहना है कि जो कोई भी 5 साल तक कड़ी मेहनत करने को तैयार है, वह भविष्य में मोदी को कड़ी चुनौती दे सकता है। क्योंकि मोदी और भाजपा की मेहनत लगातार आम जनता के बीच लोकप्रिय है। कई बड़े कदम ऐसे हैं जो लोगों की काम करने की क्षमता को बढ़ा पाई है। जनता के बीच खुद की मौजूदगी डिजिटल और वैसे भी बहुत जरूरी है।

‘मोदी को जरूर हराया जा सकता है’

इस बीच उन्होंने (Prashant Kishor) यह भी कहा कि किसी को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि उन्हें कोई हरा नहीं सकता या वह इतने मशहूर हैं कि कोई उनके सामने टिक नहीं सकता। पीएम मोदीजी को निश्चित तौर पर हराया जा सकता है।’ पिछले 10 साल में वह कई बार हारे हैं और आगे भी जनता उन्हें हराती रहेगी। पर इसके लिए पूरी योजना के साथ मैदान में उतरना होगा। इसी चुनाव से तैयारी शुरू करनी होगी और जीतने तक लगातार मेहनत करते रहना होगा।

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‘इंदिरा गांधी को जेपी से मिली कड़ी चुनौती’

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे तब भी ऐसा लगता था कि वे अजेय हैं. लेकिन 1977 में इंदिरा गांधी को जयप्रकाश से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। जब देश में कांग्रेस का शासन था, तब देश की 4 हजार से ज्यादा विधानसभा सीटों में से 2500 से 2700 तक कांग्रेस के विधायक थे। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर आप आज देखें तो बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 1600 से 1700 विधायक हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि पीएम मोदी से बड़ा कोई नेता न कभी पैदा हुआ है और न कभी होगा। हां, हम यह स्वीकार कर सकते हैं कि 2024 तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

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