क्या बाइडेन चाहते हैं तीसरा विश्व युद्ध? ट्रम्प जूनियर ने उठाए सवाल

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (president biden) ने यूक्रेन (ukraine) को रूस के खिलाफ अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से रूस-यूक्रेन युद्ध और भी गहरा सकता है। बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दी है, जिससे यूक्रेन रूस के अंदर सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकेगा।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब जो बाइडेन के बतौर राष्ट्रपति चंद दिन ही बचे है। इस फैसले पर जूनियर ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और बाइडेन प्रशासन पर वर्ल्ड वॉर 3 (World war 3) को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

बाइडेन का बड़ा फैसला और उसके प्रभाव

बाइडेन (president biden) प्रशासन का यह फैसला यूक्रेन के लिए बड़ी राहत है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की लंबे समय से इस तरह की मांग कर रहे थे। अब यूक्रेन (ukraine) रूस के अंदर उनके बड़े शहर जैसे मास्को, सैंट पेटेरस्बर्ग पर हमले कर सकेगा, जिससे युद्ध का रुख और भी भयानक हो सकता है।

हालांकि, इस फैसले से रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। रूस ने इस कदम को “आग में घी डालने” जैसा बताया है और चेतावनी दी है कि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

ट्रंप जूनियर की प्रतिक्रिया और राजनीतिक प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप जूनियर (Donald Trump Jr.) ने बाइडेन प्रशासन के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू (World war 3) करवाना चाहते हैं। ट्रंप जूनियर का कहना है कि यह फैसला तनाव बढ़ाने वाला है और इससे स्थिति और खराब हो सकती है।

यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राजनीति में गहरे मतभेदों को दर्शाती है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो 24 घंटे में यूक्रेन युद्ध समाप्त कर देंगे। ट्रंप का रुख रूस के प्रति नरम माना जाता है, जबकि बाइडेन यूक्रेन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।

रूस अपने परमाणु सिद्धांत में हाल ही में किया बदलाव 

रूस ने अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव की बात कही है, जो कि काफी चिंताजनक है। राष्ट्रपति पुतिन (Putin) ने कहा है कि अगर कोई परमाणु शक्ति वाला देश रूस पर हमले का समर्थन भी करता है, तो उसे भी आक्रमणकारी माना जाएगा। इसका मतलब है कि अगर कोई देश यूक्रेन को रूस पर हमला करने में मदद करता है, तो रूस उस देश को भी निशाना बना सकता है। यह नया सिद्धांत पश्चिमी देशों को चेतावनी देने जैसा है कि वे यूक्रेन की मदद करने में सावधान रहें। हालांकि, रूस ने अभी इस नए सिद्धांत के पूरे विवरण सार्वजनिक नहीं किए हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे तनाव बढ़ सकता है और परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। यह बदलाव यूक्रेन युद्ध की वजह से किया जा रहा है और इसका मकसद पश्चिमी देशों को डराना है।