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Independence day: देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन, शिक्षा नीति और किसानों से जुड़ी कई अहम बातें की

78th independence day: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों का याद कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अमूल योगदान निभाया है।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘देश के स्वाधीनता सैनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। भगत सिंह, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर, बोस, जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है।’

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‘तिरंगे को लहराते देखना हमें उत्साह से भर देता है’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘आजादी का यह पर्व हमें उस समय की याद दिलाता जब देश के लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना खुद को देश के नाम कर दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘ देशवासी 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, ये देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के तिरंगे को लहराते देखना हमें उत्साह से भर देता है।’

देश ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मना रहा है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा, ‘आज यानी 14 अगस्त को हमारा देश ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मना रहा है। यह दिन उस समय के विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब देश का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों का अपना घर-बार छोड़कर पलायन करना पड़ा था। यही नहीं कई लोगों को अपनी जान गवाई पड़ी थी। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हम उन अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं।’

भारतीय न्याय संहिता लागू कर औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।’

‘Global warming से पृथ्वी को बचाने में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है’

मुर्मू ने कहा, ‘Global warming के सबसे गंभीर कुप्रभावों से पृथ्वी को बचाने के लिए मानव समुदाय द्वारा किए जा रहे संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने पर भारत को गर्व है। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे किन्तु प्रभावी बदलाव करें तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।’

‘महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं’

राष्ट्रपति ने कहा,  ‘महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।’

‘हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं’

समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। समावेश के साधन के रूप में, affirmative action को मजबूत किया जाना चाहिए। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा।

जी-20 सफलतापूर्वक हुआ सम्पन्न

द्रोपदी मुर्मू ने कहा, ‘जी-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, भारत ने Global South को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है। भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है।’

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‘हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर काम किया’

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किसानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘ हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर काम किया है। उनके सराहनिय काम ने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है। साथ ही देशवाशियों को भोजन उपलब्ध कराने में उनका अमूल्य योगदान है।’

‘भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।’

‘वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है।’

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