बांग्लादेश में गिरफ्तार पुजारी चिन्मय कृष्ण को अभी एक महीना और जेल में रहना पड़ सकता है। जी हां, दरअसल बांग्लादेश की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले महीने के लिए टाल दी है। आज यानी मंगलवार 3 दिसंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई के लिए कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ है। जिसके कारण सुनवाई अगले महीने तक के लिए टाल दी गई है।
नहीं मिली जमानत
बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को अभी एक महीने तक जेल में ही रहना होगा। क्योंकि कट्टरपंथियों के डर से सुनवाई के समय कोई वकील नहीं पहुंचा था। सुनवाई के लिए कोई वकील अदालत में पेश नहीं होने के कारण सुनवाई अगले महीने तक के लिए टाल दी गई है।
एक वकील पहले हो चुका है घायल
बता दें कि इस्कॉन ने दावा किया था कि चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने वाले एक बांग्लादेशी वकील पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया है। वकील की हालत इतनी गंभीर है कि उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है। इस हमले के बाद मंगलवार को वकीलों ने जमानत की सुनवाई के दौरान पेश होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद चटगांव अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। वहीं अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 2 जनवरी 2025 तय की है, यानी एक महीने बाद सुनवाई होगी।
वकीलों पर लगाया झूठा मुकदमा
बांग्लादेशी दैनिक द बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत ने आरोप लगाया है कि लगभग 70 हिंदू वकीलों पर चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई में भाग लेने से रोकने के लिए झूठा मुकदमा दायर किया गया है। वहीं संगठन ने कहा है कि वकीलों पर चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में मुकदमा किया जा रहा है, ताकि वे चिन्मय दास के लिए बहस न कर सकें।
हमले को लेकर किया था पोस्ट
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर बीते सोमवार 2 दिसंबर को एक पोस्ट में कहा था कि ‘कृपया अधिवक्ता रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें, उनका एकमात्र कसूर अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव करना था’। वहीं इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया था, जिससे वह आईसीयू में अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि बांग्लादेश में कई वकीलों ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।
बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार
बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार टारगेट किया जा रहा है। हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद श्याम दास की गिरफ्तारी भी की गई थी। वहीं चिन्मय कृष्ण की सुनवाई में एक भी वकील नहीं पहुंचना और वकीलों को चिन्मय कृष्ण का केस लड़ने से रोकना दिखाता है कि बांग्लादेश में हिंदूओं को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है।