Pulses import duty

दाल और चावल पर सरकार की नई पॉलिसी, आपके किचन के बजट पर क्या पड़ेगा असर?

सरकार ने मसूर दाल, पीली मटर और टूटे चावलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब मसूर दाल के आयात पर 10% टैक्स (इंपोर्ट ड्यूटी) लगेगा। वहीं, पीली मटर को बिना टैक्स (ड्यूटी फ्री) आयात करने की सुविधा तीन महीने और जारी रहेगी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 8 मार्च से दालों पर 5% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5% एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) लगाया जाएगा।

दाल और पीली मटर का इंपोर्ट

पहले दालों के आयात पर कोई ड्यूटी नहीं लगती थी। दिसंबर 2023 में सरकार ने पीली मटर के बिना टैक्स आयात की इजाजत दी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 28 फरवरी 2024 तक कर दिया गया। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में कुल 67 लाख टन दालें आयात हुईं, जिसमें से करीब 30 लाख टन सिर्फ पीली मटर थी।

टूटे चावल के एक्सपोर्ट की मिलेगी मंजूरी

सरकार ने टूटे चावल के एक्सपोर्ट (निर्यात) पर लगी रोक हटा ली है। यानी अब भारतीय व्यापारी इसे दूसरे देशों में बेच सकेंगे।

कब लगी थी रोक?

सितंबर 2022 में सरकार ने टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी थी। इसका कारण घरेलू आपूर्ति को बनाए रखना और कीमतों को नियंत्रित करना था।

क्या कहा सरकार ने?

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि अब से टूटे चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति दे दी गई है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से अपनी नीति में बदलाव किया है और यह रोक हटा ली गई है।

पिछले साल भी हुआ था बड़ा बदलाव

सरकार ने पिछले साल गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर 490 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का जो न्यूनतम मूल्य (Minimum Export Price) तय किया था, उसे भी हटा लिया था।

ऐसा करने का क्या है कारण?

फिलहाल, देश के सरकारी गोदामों में चावल की कोई कमी नहीं है और खुदरा कीमतें भी स्थिर हैं। भारत ने साल 2023-24 में गांबिया, बेनिन, सेनेगल और इंडोनेशिया जैसे देशों को 19.45 करोड़ डॉलर का टूटे चावल का निर्यात किया। यह आंकड़ा साल 2022-23 में 98.34 करोड़ डॉलर था, जबकि 2021-22 में यह 1.13 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।

 

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