प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस के कजान शहर पहुंचे, जहां उन्होंने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें रिश्तों को लेकर कुछ खास बातें हुईं। बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच हल्के-फुल्के हंसी मजाक का भी मौका आया।
पुतिन ने पीएम मोदी से कहा- “आपको अनुवादक की जरूरत नहीं है”
बैठक के शुरुआती दौर में, पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपको तो अनुवादक की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि भारत और रूस के बीच रिश्ते इतने पुराने और गहरे हैं कि अब उन्हें एक-दूसरे को समझने के लिए किसी अनुवादक की जरूरत नहीं है। पुतिन की इस मजेदार बात ने सभागार का माहौल हल्का-फुल्का बना दिया और पीएम मोदी भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि यह हमेशा खुशी की बात होती है जब दोस्ताना रिश्तों को इस तरह से देखा जाए। पुतिन के इस कमेंट ने बैठक में सहजता और गर्मजोशी का माहौल बना दिया।
👇Putin makes Modi laugh during bilateral talks
“Our relationship is so tight that you understand me without any translation”: 🇷🇺Putin to 🇮🇳PM Modi
हमारे रिश्ते कुछ ऐसे हैं की आप बिना अनुवाद के ही सब समझ जाएंगे pic.twitter.com/BaKMUkZaIF
— Sputnik India (@Sputnik_India) October 22, 2024
रूस-भारत के रिश्ते गहरे और ऐतिहासिक
बैठक में पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के रूस यात्रा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जुलाई में उनकी मुलाकात बहुत अच्छी रही थी और इसके बाद टेलीफोन पर भी कई बार बातचीत हुई। पुतिन ने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खुलने की घोषणा को भी स्वागत योग्य कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि रूस में भारतीय कांसुलेट का खुलना दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा, खासकर इस ऐतिहासिक शहर कजान के साथ। उन्होंने कहा, “हमारा रिश्ता गहरा और ऐतिहासिक है, और कजान में कांसुलेट खुलने से यह और भी मज़बूत होगा।”
मोदी ने पुतिन को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले तीन महीनों में उनका रूस दौरा इस बात का सबूत है कि दोनों देशों के बीच समन्वय और मित्रता में लगातार वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा कि वह भविष्य में रूस के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
रूस-यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति
रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारत इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि समस्याओं का हल शांतिपूर्ण तरीके से ही निकलना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की बहाली के पक्ष में हैं और इस दिशा में सभी प्रयास करेंगे।” मोदी ने यह भी कहा कि भारत मानवता को प्राथमिकता देते हुए इस संकट के समाधान में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।
दोनों देशों के बीच बढ़ेगा सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात से यह साफ हो गया कि दोनों देशों के बीच रिश्ते और सहयोग आने वाले समय में और मजबूत होंगे। रूस और भारत के बीच गहरे ऐतिहासिक और सामरिक संबंध हैं, और इस मुलाकात ने इसे और स्पष्ट कर दिया।
इस मुलाकात में पुतिन ने एक बार फिर भारत को अपने पुराने और भरोसेमंद साथी के रूप में देखा और दोनों देशों के बीच भविष्य में अधिक सहयोग की संभावना जताई।