देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर सोमवार को हुई बैठक में धमाल हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली चयन समिति की बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को कुछ दिनों के लिए टालने की मांग की। लेकिन सरकार ने इस सुझाव को नहीं माना और बैठक जारी रखी। आइए जानते हैं पूरा मामला…
बैठक में क्या हुआ?
17 फरवरी को साउथ ब्लॉक में हुई बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी शामिल हुए। इसका मकसद था मौजूदा CEC राजीव कुमार के 18 फरवरी को रिटायर होने के बाद उनके उत्तराधिकारी का चयन करना। लेकिन राहुल गांधी ने तुरंत फैसला लेने के बजाय सुप्रीम कोर्ट की 19 फरवरी की सुनवाई का इंतजार करने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट नए कानून को खारिज कर देता है, तो नियुक्ति का क्या होगा? इसमें अहंकार नहीं, लोकतंत्र की मर्यादा का सवाल है”
कांग्रेस ने क्यों उठाए सवाल?
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने CEC चयन प्रक्रिया से मुख्य न्यायाधीश (CJI) को हटाकर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया है। 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, चयन समिति में PM, विपक्ष के नेता और CJI शामिल होने चाहिए। लेकिन सरकार ने “Chief Election Commissioner Act, 2023” पास करके CJI की जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर लिया, जिससे सरकार का दबदबा बढ़ गया ।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “सरकार चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि उस पर कंट्रोल चाहती है”
सुप्रीम कोर्ट क्या कहता है?
मार्च 2023: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि CEC/EC की नियुक्ति PM, विपक्ष के नेता और CJI की समिति करेगी।
दिसंबर 2023: सरकार ने नया कानून बनाकर CJI को हटा दिया और कैबिनेट मंत्री को जोड़ा।
19 फरवरी 2025: कोर्ट इस नए कानून की संवैधानिकता पर सुनवाई करेगा 1411।
राहुल गांधी ने तर्क दिया कि “सिर्फ 48 घंटे का इंतजार करके सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्यों नहीं देखते? अगर कोर्ट कानून को गलत ठहराता है, तो नई नियुक्ति बेमानी हो जाएगी” 11।
सरकार का स्टैंड: ‘जल्दी क्यों?’
सरकार ने राहुल के सुझाव को खारिज करते हुए बैठक जारी रखी। सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानेश कुमार को नया CEC चुना गया है, जो वर्तमान में सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 2029 तक होगा 514। सरकार का कहना है कि नए कानून के तहत यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी है।
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस: क्या कहा गया?
बैठक के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा:
अजय माकन: “19 फरवरी को सुनवाई है। ऐसे में आज की बैठक अनावश्यक थी।”
मनु सिंघवी: “CJI को हटाना चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर हमला है।”
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