सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत, मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक बड़े कानूनी झमेले से राहत मिली है। मानहानि के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले से राहुल गांधी को कुछ समय और मिल गया है, ताकि वह अपनी कानूनी स्थिति पर विचार कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में झारखंड सरकार और बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा से जवाब मांगा है, जिन्होंने गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

क्या था मामला?

यह मामला 2018 का है, जब राहुल गांधी ने बीजेपी और उसकी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बीजेपी के कुछ नेताओं को हत्या के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस बयान के बाद बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा ने गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला रांची में दर्ज कराया था। झा का कहना था कि गांधी के बयान से उनकी और बीजेपी की इज्जत को नुकसान पहुंचा है। रांची की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले इस शिकायत को खारिज कर दिया था, लेकिन झा ने फिर से कोर्ट में याचिका दाखिल की। 2018 में रांची के न्यायिक आयुक्त ने मजिस्ट्रेट के आदेश को पलटते हुए मामले को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गांधी को समन जारी किया, जिससे यह मामला और बढ़ गया।

राहुल गांधी का कोर्ट का दरवाजा खटखटाना

राहुल गांधी ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। झारखंड हाई कोर्ट ने भी गांधी के खिलाफ बयान को मानहानि मानते हुए मामले को आगे बढ़ाने का फैसला दिया। हालांकि, गांधी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मानहानि का केस एक तृतीय पक्ष ने दायर किया है, जो कानून के हिसाब से गलत है। उनका कहना था कि जब कोई व्यक्ति खुद को नुकसान में महसूस नहीं करता, तो वह किसी और की ओर से शिकायत कैसे दर्ज कर सकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता नवीन झा से जवाब मांगा है और मामले में आगे की सुनवाई के लिए एक तारीख तय की है। इस फैसले से राहुल गांधी को राहत मिली है, क्योंकि अब उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए समन का सामना नहीं करना पड़ेगा, जब तक कोर्ट इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं देता।

क्या कहना है कानूनी विशेषज्ञों का?

कानूनी जानकारों के मुताबिक, यह फैसला राहुल गांधी के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि मानहानि के मामले में लगातार कोर्ट के चक्कर काटना किसी भी व्यक्ति के लिए थकाने वाला और मुश्किल हो सकता है। इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि कोर्ट मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

झारखंड हाई कोर्ट ने क्या फैसला दिया था?

झारखंड हाई कोर्ट ने फरवरी 2024 में गांधी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि उनके बयान में अपमानजनक तत्व हैं। कोर्ट ने माना था कि गांधी ने बीजेपी के नेताओं को सत्ता के नशे में चूर और धोखेबाज बताया था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत मानहानि का कारण बनता है। हाई कोर्ट ने गांधी के बयान को गंभीर मानते हुए मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

क्या होगा आगे?

अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में झारखंड सरकार और नवीन झा से जवाब मांगा है और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसका मतलब यह है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फैसला नहीं करता, तब तक राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है। इस फैसले ने गांधी को कुछ राहत दी है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देगा।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्यों अहम है?

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न सिर्फ राहुल गांधी के लिए, बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी अहम हो सकता है। यह मामला इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि इसमें मानहानि के नियमों और किसी तीसरे पक्ष के द्वारा शिकायत दायर करने के कानूनी पहलू पर सवाल उठाए गए हैं। इस मामले में आने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय राजनीति और कानून में एक अहम मोड़ ला सकता है।

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