कांग्रेस पार्टी इस वक्त एक अहम मोड़ पर खड़ी है, और राहुल गांधी ने अब इसका रास्ता तय करने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली है। हाल ही में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में राहुल ने पार्टी की दिशा को लेकर कुछ अहम बातें साझा कीं। उनका कहना था कि अब कांग्रेस को सिर्फ दिल्ली तक नहीं, बल्कि पूरे देश में अपने पैर जमाने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी ने देशभर में एक सशक्त संदेश दिया था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हमें कैडर बनाने में कोई कमी छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, लेकिन हमें अब एक मजबूत और सीमित कैडर तैयार करने की जरूरत है, जो बीजेपी के कैडर की तरह नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाए। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होगी।
सीनियर नेताओं को दी नसीहत
राहुल गांधी ने सीनियर नेताओं से साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी हमें यहां तक लेकर आई है, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे और मजबूती से खड़ा करें। उन्होंने खासकर पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन का नाम लिया और कहा कि हमें पार्टी के आर्थिक हालात को सुधारने के लिए चंदा देने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। जैसे ही राहुल गांधी ने यह बात कही, मीटिंग में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया, इस पर राहुल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “अब ताली नहीं बज रही है?”
पार्टी को कैसे मजबूत करना है?
राहुल गांधी ने कांग्रेस को मजबूत करने के बारे में अपने विचार भी रखे। उन्होंने कहा, “दिल्ली में बैठना ठीक है, लेकिन अगर हम कांग्रेस को सच में मजबूत बनाना चाहते हैं, तो हमें छोटे शहरों और जिलों में जाकर लोगों से जुड़ना होगा।” इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की निष्ठा को सराहा और कहा, “आरएसएस के कार्यकर्ता चाहे जो भी कहें, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता कहीं ज्यादा समर्पित हैं।”
राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अब विचारधारा की लड़ाई को और मजबूती से लड़ने की जरूरत है। उन्होंने गांधी, नानक और बसवाना की विचारधारा का उदाहरण दिया और कहा कि इन विचारों के खिलाफ खड़े मनुस्मृति और सावरकर जैसे विचारों से भी हमें मुकाबला करना होगा।
आंबेडकर का मुद्दा उठाया
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने आंबेडकर का भी जिक्र किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “अमित शाह जैसे लोग लोकतंत्र में नहीं होने चाहिए, क्योंकि उन्होंने संसद में आंबेडकर जी के बारे में जो बयान दिया, वह बिलकुल गलत था।” इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ का नारा दिया, जो कांग्रेस के गांधीजी और आंबेडकर के विचारों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
क्या होगा कांग्रेस का अगला कदम?
राहुल गांधी की बातें साफ तौर पर यह बताती हैं कि कांग्रेस को अब खुद को एक नए रूप में ढालने की जरूरत है। पार्टी को अब सिर्फ चुनावी जीत से आगे बढ़कर एक मजबूत संगठन बनाना होगा, जो पूरे देश में अपनी पहचान बना सके। आने वाले वक्त में राहुल के इन दिशा-निर्देशों का असर जरूर दिखाई देगा, लेकिन इसके लिए पार्टी को खुद में बदलाव लाना होगा।