रेलवे ट्रैक पर टेलीफोन खंभा रखने वाले शातिर लोग गिरफ्तार, प्लानिंग थी बेहद खतरनाक!

केरल के कोल्लम शहर में एक ऐसी घटना सामने आई है जो सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। दो लोगों ने रेलवे ट्रैक पर एक टेलीफोन पोल रख दिया था, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते थे। यह घटना कुंदरा के नेदुम्बईकुलम इलाके में ओल्ड फायर स्टेशन के पास हुई। पुलिस ने CCTV फुटेज की मदद से राजेश और अरुण नाम के दो आरोपियों को पकड़ा है।

कौन है ये आरोपी?

33 साल के राजेश पेरुम्पुझा का रहने वाला है, जबकि 39 साल के अरुण का घर इलमबल्लूर में है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने पुलिस के सामने अपने जुर्म को कबूल किया है। उन्होंने पहले एक टेलीफोन पोल को तोड़ा और फिर उसे रेलवे ट्रैक पर रख दिया। लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?

क्या थी उनकी प्लानिंग?

टेलीफोन के खंभे में एक खास तरह का लोहा लगा होता है, जिसे कास्ट आयरन कहते हैं। यह सामान्य लोहे से ज्यादा मजबूत और कठोर होता है। जब ट्रेन इस खंभे के ऊपर से गुजरती है, तो उस पर भारी दबाव पड़ता है। इस झटके से कास्ट आयरन वाला हिस्सा आसानी से टूटकर अलग हो जाता है। कुछ लोग इस कास्ट आयरन को तोड़ने के लिए खंभे को रेलवे ट्रैक पर रखकर उसे बीच से दबाते हैं। कास्ट आयरन का इस्तेमाल सजावटी सामानों में भी किया जाता है, जो काफी महंगे बिकते हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने भी इसी उद्देश्य से रेलवे ट्रैक पर उस पोल को रखा था। पुलिस ने एक और चौंकाने वाली बात बताई। उन्होंने कहा कि आरोपी खंभे को तोड़कर कबाड़ में बेचने वाले थे और फिर उन पैसों से शराब खरीदना चाहते थे।

कई घंटों तक चली कोशिश

21 से 22 फरवरी की देर रात को आरोपियों ने खंभा तोड़ने के कई प्रयास किए। उन्होंने कई घंटों तक कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्होंने खंभे को वहीं ट्रैक पर छोड़ दिया। तड़के सुबह एर्नाकुलम से लौट रहे दो लोगों ने ट्रैक पर खंभा देखा। उन्होंने पल्लीमुक्कू रेलवे गेटकीपर को इसकी जानकारी दी। गेटकीपर ने ये जानकारी अपने अधिकारियों को दी। एझुकोन पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और खंभा हटाया। हालांकि, कुछ घंटों के बाद जब रेलवे पुलिस की एक टीम वहां पहुंची, तो उन्होंने देखा कि खंभा फिर से उसी जगह पर है। RPF ने खंभे को फिर से हटाया।

राजनीतिक हलचल भी शुरू

इस घटना के बाद कुंदरा विधायक और कांग्रेस नेता पीसी विष्णुनाथ ने आशंका जताई कि ये किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना हो सकती है। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इस मामले में केंद्रीय जांच की मांग की।

CCTV फुटेज से हुई पकड़

इसके बाद CCTV कैमरों की जांच शुरू हुई और 22 फरवरी को दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड है। चोरी के आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई है। हालांकि, अधिकारियों ने तोड़फोड़ की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। आरोपियों से अब भी पूछताछ की जा रही है।

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