Rainfall Damages Crops: राजस्थान के किसान, सरसों-आलू समेत इन फसलों को भारी नुकसान

Crops Damaged Due to Rain: राजस्थान के कई जिलों में बारिश देखने को मिल रही है. अलग-अलग जिलों में बारिश के कारण कुछ किसान खुश नजर आए तो वहीं कुछ किसान परेशान हैं. रबी की फसलों को बारिश से फायदा होगा तो वहीं, सरसों, आलू समेत कई फसलों के खराब होने की संभावना है.
उत्तर भारत के राज्यों में बारिश के कारण ठंड एक बार फिर बढ़ गई है. देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश देखने को मिली. राजस्थान के कई जिलों में बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. मौसम के इस मिजाज से कुछ किसान सहमे हुए हैं. 
कोटा में देर रात तेज बारिश हुई तो हाड़ौती में चने के आकार के ओले भी गिरे. बारिश अधिक समय नहीं रही लेकिन थोड़ी देर की बारिश ने भी किसानों को मायूस कर दिया. फसलों को भारी नुकसान की खबर सामने आई है.  फसलों में खराबी के आकलन के लिए कृषि विभाग ने निर्देश जारी किए हैं. 
फसलों को नुकसान से परेशान किसान
वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में पिछले 12 घंटे से बारिश हो रही है. रबी की कई फसलों के लिए यह बरसात अमृत तुल्य है तो जिले के मांडलगढ़ उपखंड में कई गांव में हुई ओलावृष्टि से फसलों के नीचे गिर जाने से नुकसान के भी खबरें आ रही हैं. यह नुकसान सरसों की कटी हुई फसल की क्वालिटी खराब होने और अफीम की फसल में काली मस्सी रोग की आशंका से आंका जा रहा है. 
कुछ किसानों के चेहरे खिल उठे
रबी की फसलें मुख्य रूप से गेहूं ,चना ,जौ में अभी एक बरसात की जरूरत थी और इस मावठ की बरसात से किसानों के चेहरे खिल उठे है. रविवार को भीलवाड़ा का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक भीलवाड़ा जिले का मौसम इसी अनुसार रहने से सर्दी बढ़ने की संभावना है. 
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि इस साल भीलवाड़ा जिले में ढाई लाख हेक्टेयर में रबी  की फसल की बुवाई हुई है. जिसमें से 96000 हेक्टेयर में गेहूं ,32000 हेक्टेयर में जो और 58 -58 हजार हेक्टेयर में चना और सरसों की बुवाई हुई है. 
संयुक्त निदेश ने यह भी बताया कि विशेष रूप से गेहूं चना और जौ की फसल के लिए इस बरसात की आवश्यकता थी. मावठ की यह बरसात फसलों के लिए अमृत के समान है, मगर मांडलगढ़ क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से सरसों की कटी हुई फसल की क्वालिटी खराब हो जाएगी. साथ ही, क्षेत्र  में बरसात के बाद हवा चलने से अन्य फसलों के नीचे गिर जाने से नुकसान होगा.
यही स्थिति कटी हुई सरसों की फसल पर भी रहेगी. यदि दो-तीन दिन में तेज धूप निकल आती है तो क्वालिटी में कम खराबी होगी. संचेती ने यह भी बताया कि अफीम की फसल में बरसात से फंगल और ब्लाइट रोग लगने की संभावना बढ़ गई है. विशेष रूप से अफीम में इस बरसात से काली मस्सी रोग हो सकता है. 
राजस्थान के धौलपुर जिले में दो दिन से खराब चल रहे मौसम ने किसानों की नींद उड़ा दी है. बीती मध्य रात से शुरू हुआ बारिश का दौर लगातार रुक रुककर जारी है. बारिश के साथ चल रही हवा ने ठिठुरन बढ़ा दी है. मौसम लगातार ख़राब होने के कारण कड़ाके की ठंड का असर पशु पक्षियों के साथ वन्यजीवों पर भी देखा जा रहा है. 
किसानो के मुताबिक़, बारिश से सरसों, आलू और सब्जी की फसलों में नुकसान होने की संभावना बनी हुई है. इन दोनों फसलों में बारिश से तना गलन, फंगीसाइड एवं झुलसा रोग दस्तक दे सकता है. वहीं, गेहूं और चना फसल में बारिश लाभकारी भी मानी जा रही है, लेकिन जिले में अधिकांश खेती सरसों,आलू और गेहूं की फसल की होती है. ऐसे में किसान सरसों की फसल को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं. किसानो के मुताबिक अगर मौसम का हाल आगे ऐसा ही रहा तो फसलों को काफी नुकसान होगा. 
यह भी पढ़े- प्रसिद्ध ईसाई संत वैलेंटाइन की कहानी: Valentine Week 2023: लव सप्ताह के इन 7 दिनों में कैसे करें इजहार-ए-मोहब्बत?
OTT INDIA आपको खबरों से अपडेट रखेगा
OTT INDIA देश का नंबर 1 डिजिटल प्लेटफॉर्म है – जो देशवासियो को हर खबर में सबसे आगे रखता है। OTT इंडिया पर पढ़ें नेशनल, इंटरनेशनल, इलेक्शन, बिजनेस, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट समेत सभी खबरें। अब हर समाचार आपकी उंगलियों पर, हमारा नवीनतम Android और iOS ऐप डाउनलोड करें। ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ें।