उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। हाल ही में उन्होंने ईसाई धर्मांतरण करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग चमत्कार के नाम पर भोले-भाले आदिवासियों और अशिक्षित लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, उन्हें अब वेटिकन जाकर पोप फ्रांसिस को ठीक करना चाहिए।
आदिवासियों और अशिक्षितों को ‘हालेलुइया’ का झांसा देकर करिश्मा दिखाने वाले भारत के ईसाई धर्मगुरुओं को चाहिए कि एक साथ जाकर वाटिकन सिटि में जीवन-मरण के बीच जूझ रहे पोप के सिर पर हाथ फेर कर उन्हें ठीक कर दें।
वैसे भी पोप लंबे समय से wheel chair पर हैं और अब अस्पताल में काफ़ी गंभीर…
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) February 23, 2025
बता दें कि राजा भइया का यह बयान उस समय आया है जब वे लगातार हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के समर्थन में मुखर हो रहे हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में भी उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया था। अब उन्होंने सीधे तौर पर धर्मांतरण कराने वाले मिशनरियों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके ‘हालेलुइया’ में इतनी शक्ति है, तो वे वेटिकन सिटी (Vatican) जाकर पोप फ्रांसिस का इलाज कर सकते हैं।
राजा भइया का धर्मांतरण कराने वालों पर तीखा प्रहार
राजा भइया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर ईसाई धर्मांतरण करने वालों पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि भारत में आदिवासियों और अशिक्षित लोगों को ‘हालेलुइया’ का झांसा देकर करिश्मा दिखाने वाले ईसाई धर्मगुरुओं को वेटिकन सिटी में जीवन-मरण से जूझ रहे पोप के सिर पर हाथ फेर कर उन्हें ठीक करना चाहिए।
राजा भइया का यह बयान भारत में धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं पर एक तीखा प्रहार माना जा रहा है। अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि कुछ ईसाई मिशनरी संगठन चमत्कार के नाम पर लोगों को बहकाकर धर्मांतरण कराते हैं। राजा भइया ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर धर्मांतरण कराने वालों के पास सच में चमत्कारी शक्तियां हैं, तो उन्हें वेटिकन जाकर पोप फ्रांसिस की बिगड़ती सेहत को सुधारना चाहिए।
राजा भइया के बयान के राजनैतिक मायने
राजा भइया की राजनीतिक पहचान लंबे समय से एक बाहुबली नेता के रूप में रही है, लेकिन हाल के वर्षों में वे हिंदुत्व के मुद्दों पर भी खासे सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में प्रयागराज के महाकुंभ में उन्होंने हिंदू एकता का संदेश दिया था। इसके अलावा वे बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आश्रम में भी देखे गए और वहां सनातन धर्म की रक्षा के लिए लोगों को संगठित होने की बात कही। राजा भइया सनातन एकता यात्रा में भी शामिल हुए थे और उन्होंने हिंदू धर्म पर हो रहे हमलों का जवाब देने की अपील की थी। अब धर्मांतरण को लेकर उनके बयान से यह साफ संकेत मिल रहा है कि वे हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए खुलकर मैदान में उतर चुके हैं।
‘हालेलुइया’ शब्द का क्या मतलब है?
राजा भइया ने अपने बयान में ‘हालेलुइया’ शब्द का उल्लेख किया, जिसे ईसाई धर्म में एक शक्तिशाली धार्मिक मंत्र माना जाता है। बता दें कि ‘हालेलुइया’ हिब्रू भाषा के दो शब्दों से बना है – ‘हलेल’ (जिसका अर्थ है प्रशंसा करना) और ‘याह’ (जो परमेश्वर का संकेत करता है)। यह शब्द ईसाई धर्म में ईश्वर की स्तुति और चमत्कारों से जुड़ा माना जाता है। ईसाई धर्मगुरु अक्सर ‘हालेलुइया’ शब्द का प्रयोग अपने प्रवचनों और सभाओं में करते हैं। भारत में कई मिशनरियों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे इसी शब्द के जरिए चमत्कार होने का दावा कर भोले-भाले लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित कराते हैं।
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