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Rajasthan Election2024 Candidate Details: राजस्थान के बिना गाड़ी वाले करोड़पति उम्मीदवारों के पास गाड़ी क्यों नहीं?

Rajasthan Election2024 Candidate Details

Rajasthan Election2024 Candidate Details: राजस्थान। राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों को चुना और अब प्रथम चरण को लेकर (Rajasthan Election2024 Candidate Details) सभी उम्मीदवारों ने नामांकन भरा। इसमें व्यक्तिगत जानकारी देते हुए ये भी बताया गया कि किस उम्मीदवार के पास कितनी संपत्ति है। कई उम्मीदवार करोड़ों के मालिक हैं। लेकिन करोड़ों के मालिक के पास एक भी गाड़ी नहीं है। जिनका जिक्र अपने ब्यौरे में चुनाव आयोग को किया गया है।

कौन – कौन है करोड़पति उम्मीदवार?

राजस्थान लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद तय हुए नामों में करोड़पति उम्मीदवारों की गिनती बड़ी है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, राजस्थान की राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति (Rajasthan Election2024 Candidate Details) में बहुचर्चित स्वतंत्र उम्मीदवार रवीन्द्र सिंह भाटी, काँग्रेस के जोधपुर से प्रत्याशी करण सिंह उचियाड़ा, ज्योति मिर्धा, उम्मेदाराम बेनीवाल, सीपी जोशी याहन तक कि सचिन पायलट और वसुंधरा राजे के पास भी खुद के नाम पर कोई वहाँ नहीं है।

वैभव गहलोत के नाम नहीं एक भी वाहन

पहला नाम आता है वैभव गहलोत का, वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Election2024 Candidate Details) के चेयरमैन के पद पर तो रहे ही थे, साथ ही अभी जालोर लोकसभा सीट पर काँग्रेस के उम्मीदवार भी हैं। करोड़ों की संपत्ति के बाद भी एक भी वाहन उनके नाम नहीं है। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी काँग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में थे परंतु हार गए थे।

लग्जरी गाड़ियों के साथ दिखाई देते हैं रवीन्द्र सिंह भाटी

लग्जरी गाड़ियों के साथ अक्सर दिखाई देने वाले शिव विधानसभा से विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी (Rajasthan Election2024 Candidate Details) के नाम एक भी वाहन नहीं है। जब भी वो जन सभा के लिए कहीं दिखाई देते हैं तब न सिर्फ उनकी गाड़ी, यहाँ तक की उनके काफिले में भी बड़ी महंगी और लग्जरी गाड़ियों को देखा जा सकता है। परंतु नामांकन के साथ दिये गए ब्यौरे में उनके नाम एक भी गाड़ी का जिक्र नहीं आया है।

सीपी जोशी के पास 5 हज़ार की एक कार

राजस्थान काँग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेता और राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी पहचान रखने वाले सीपी जोशी अब भीलवाडा लोकसभा सीट से कॉंग्रेस के प्रत्याशी हैं। केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री का पद पा चुके सीपी जोशी के पास महज़ 5 हज़ार रुपए कीमत वाली एक फिएट कार है। 1993 मॉडल की इस कार के अलावा सीपी जोशी के पास अन्य कोई गाड़ी नहीं है।

सुखबीर सिंह जौनपुरिया और ओम बिरला भी बिना वाहन

भाजपा से कोटा सीट के लोकसभा प्रत्याशी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Rajasthan Election2024 Candidate Details) भी इसी लिस्ट में आते हैं। जिनके पास वाहन नहीं है। हालांकि चुनाव आयोग को दी जानकारी में करोड़ों की संपत्ति होने की जानकारी दी गयी है। वहीं सुखबीर सिंह जौनपुरिया के पास भी खुद के नाम पर वाहन नहीं हैं। जबकि उनकी संपत्ति का ब्यौरा देखा जाए तो 142 करोड़ की संपत्ति का जिक्र है।

पैतृक संपत्ति बहुत पर मिर्धा के पास नहीं एक भी वाहन

नागौर लोकसभा से पहले काँग्रेस और अब काँग्रेस का दमन छोड़ कर भाजपा (Rajasthan Election2024 Candidate Details) से उम्मीदवार ज्योति मिर्धा पिछले 35 सालों से और पारिवारिक तौर पर इससे भी पहले से प्रदेश और देश की राजनीति का हिस्सा होने के बावजूद और करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद खुद का वाहन नहीं रखती हैं। जबकि ज्योति मिर्धा राजस्थान की दो बार विधायक रह चुकी हैं। छात्र राजनीति से राज्य और राष्ट्र राजनीति में पहचान रखने के साथ साथ राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। साथ ही ज्योति मिर्धा डॉक्टर भी हैं।

करण सिंह उचियाड़ा 75 करोड़ के मालिक

काँग्रेस के जोधपुर से प्रत्याशी करण सिंह उचियाड़ा की संपत्ति 75 करोड़ रुपए बताई जाती है। इसके बावजूद उनके पास खुद के नाम पर एक भी गाड़ी नहीं है। हालांकि पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में आए करण सिंह की करोड़ों की संपत्ति है।

पायलट, गहलोत और राजे के पास भी नहीं है कोई वाहन

राजस्थान की राजनीति के तीनों ही बड़े नाम, जिनमें से दो पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में भी केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। कई बार विधायक और सांसद पद पर रहे हैं। इसके बावजूद उनके नाम पर एक भी वाहन नहीं है। पहले बात भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Rajasthan Election2024 Candidate Details) की कि जाए तो दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे के पास करोड़ों की संपती का जिक्र तो हैं परंतु एक भी वाहन उनके नाम पर नहीं है। ऐसा ही कई बार सांसद, 5 बार विधायक और केन्द्रीय मंत्री पद पर रहे और राजस्थान के मुख्यमंत्री 2 बार रहने के बाद भी उनके पास भी कोई कार या अन्य वाहन नहीं है। सचिन पलट जो पिछले 20 सालों से राजनीति में सक्रिय भूमिका में है, करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं परंतु एक भी वाहन उनके नाम पर नहीं है।

खुद के नाम क्यों नहीं होता एक भी वाहन?

जानकारों की मानें तो इसके पीछे की वजह है कि अपनी संपत्ति में जानकारी देने से बचने के लिए नेता ऐसा करते हैं। एक वजह ये भी है कि वाहनों की कोई भी दुर्घटना, चालान इत्यादि के झंझटों से बचने के लिए भी अपने नाम पर कोई भी बड़े नेता वाहन नहीं रखते हैं। जब भी ऐसी कोई स्थिति आती है तो वाहनों से जुड़े मामलों में खुद के व्यक्तिगत उपस्थित होने से बचा जा सकता है।

दुर्घटना में वाहन के मालिक को होना होता है हाजिर

वाहनों के दुर्घटना होने की स्थिति में नियमों के तहत वाहन मालिक हो हाजिर होना होता है। जो कि किसी भी बड़े नेता या उद्योगपति के लिए हर बार संभव नहीं है। दूसरा संपत्ति में ब्यौरा देते समय आय से अधिक के वाहन (Rajasthan Election2024 Candidate Details) भी दिखाना संभव नहीं होता। लंबी यात्राओं में आरामदायक सफर के लिए बड़े और महंगे वाहनों की आवश्यकता के चलते वाहन बार बार बदलने होते हैं। जिसका हर बार ब्यौरा नहीं दिया जा सकता है।

चुनाव आयोग ले सकता है गलत सूचना पर एक्शन

अगर किसी भी प्रत्याशी के नाम वाहन हो और उसका ब्यौरा नामांकन के समय चुनाव आयोग को नहीं दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग गलत जानकारी के चलते उम्मीदवार पर कार्यवाही कर सकता है। इसमें चल – अचल संपत्ति से जुड़ी  हर जानकारी चुनाव आयोग को लिखित में उपलब्ध करवानी होती है। इस कार्यवाही के चलते उनका नामांकन भी रद्द किया जाने का अधिकार चुनाव आयोग के पास होता है।

सरकारी वाहनों का लेखा – जोखा

नेताओं के पास सरकारी गाडियाँ भी होती हैं। इसके अलावा कई नेताओं (Rajasthan Election2024 Candidate Details) को उनके मित्र, राजनीतिक सहयोगी, कार्यकर्ता आदि भी अपने वाहन दे देते हैं। परंतु सरकारी गाड़ी का अधिकार विधायक और सांसद के पास भी नहीं होता है। सरकारी वाहन का सरकार केवल मंत्रियों को ही देती है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष को भी सरकारी वाहन का अधिकार होता है। इसमें भी सरकार पर निर्भर करता है कि वाहन किसे दिया जाना चाहिए और किसे नहीं। मंत्री भी केंद्र सरकार से या राज्य सरकार से हो तो ही वाहन का अधिकार होता है। जिसका खर्च भी सरकार ही वाहन करती है। इसमें भी चुनाव से ठीक पहले आचार संहिता लगने के साथ ही सभी नेताओं को सरकारी वाहनों के इस्तेमाल पर पाबंदी होती है।

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