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आदिवासी समाज की प्रथा “मौताणा” का स्वीकार किया राजस्थान पुलिस ने, पुलिस कस्टडी में हुई थी अर्जुन मीणा की मौत

Udaipur : उदयपुर के परसाद थाने में युवक के आत्महत्या का चौकाने वाला मामला सामने आया है। युवक की आत्महत्या को लेकर राजस्थान की उदयपुर पुलिस को अब मृतक के स्वजनों को हर्जाना (मौताणा) भरने का आदेश मिला है. पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि आरोपी जेल में बंद था और वहीं पर जूते ही लेस से फंदा बनाकर लटक गया। २९ मार्च दोपहर करीब 3 बजे के आसपास मृतक अर्जुन मीणा नामक युवक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. पुलिस अनुसार मृतक अर्जुन मीणा पर शादीशुदा महिला को भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए लाया गया था. लेकिन पुलिस कस्टडी में अर्जुन मीणा की आत्महत्या के बाद अब पुलिस अधिकारियो और कर्मचारियों को अर्जुन मीणा की मौत का हर्जाना( मौताणा) भरने की नौबत आई है. 

किस पुलिस अधिकारी को कितना चुकाना होगा मौताणा ?

उदयपुर जिले के परसाद थाने की हिरासत में कोठार निवासी अर्जुन मीणा की आत्महत्या के मामले में पुलिस को तक़रीबन 16.5 लाख रुपए हर्जाने की रजामंदी पर परिजनों ने घटना के 30 घंटे बाद मुर्दाघर से शव लिया था। पुलिस के साथ समझौता बैठक में मौजूद पुलिस सूत्रों के मुताबिक ढाई लाख रुपए सरकारी योजनाओं से पीड़ित परिवार को दिलाए जाएंगे। साथ ही बाकी के 14 लाख में सेे 5 लाख रुपए पुलिस इन्स्पेक्टर (Police Inspector) परमेश्वर पाटीदार और 7 लाख रुपए पूरे घटनाक्रम में प्राथमिक स्तर पर दोषी माने गए एएसआई (ASI) अशोक मीणा की ओर से सहयोग राशि के रूप में दिया जाएगा।

बाकी के 2 लाख थाने के जवानों की ओर से सहयोग के तौर पर जुटाए जाएंगे। देश में यह पहला मामला होगा, जब पुलिस अधिकारी और कर्मचारी किसी की मौत पर इस तरह पैसे जुटाकर हर्जाना भरेंगे। इस  घटना के बाद पूरे राजस्थान में चर्चा है कि, 50 हजार रुपए मासिक तनख्वाह पाने वाले पुलिस कर्मचारी इतनी बड़ी राशि कहां से लाएंगे और कैसे मौताणा चुकाएंगे? भारी पुलिस बल के पहरे में मृतक अर्जुन मीणा के शव का अंतिम संस्कार किया गया है।

ASI के हिस्से में ज्यादा हर्जाना, अर्जुन को वही पकड़कर लाया था

पुलिस इन्स्पेक्टर के मुकाबले ASI अशोक मीणा को मृतक अर्जुन मीणा के स्वजनों को 7 लाख रूपए चुकाने होंगे। क्योंकि मृतक अर्जुन को झल्लारा से पकड़कर लाने का काम ASI अशोक मीणा ने ही किया था। ASI मीणा ने अर्जुन और विवाहिता को थाने लाने, अर्जुन को हवालात में बंद रखने की सूचना भी थानेदार को नहीं दी। इस गंभीर घटना के वक्त पुलिस इन्स्पेक्टर पाटीदार मुख्यमंत्री की ड्यूटी में थे। इसी आधार पर जिला एसपी (District SP) ने पुलिस इन्स्पेक्टर को क्लीन चिट दी और एएसआई ASI और पुलिस संतरी को लाइन हाजिर किया था।

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