आदिवासी समाज की प्रथा “मौताणा” का स्वीकार किया राजस्थान पुलिस ने, पुलिस कस्टडी में हुई थी अर्जुन मीणा की मौत
Udaipur : उदयपुर के परसाद थाने में युवक के आत्महत्या का चौकाने वाला मामला सामने आया है। युवक की आत्महत्या को लेकर राजस्थान की उदयपुर पुलिस को अब मृतक के स्वजनों को हर्जाना (मौताणा) भरने का आदेश मिला है. पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि आरोपी जेल में बंद था और वहीं पर जूते ही लेस से फंदा बनाकर लटक गया। २९ मार्च दोपहर करीब 3 बजे के आसपास मृतक अर्जुन मीणा नामक युवक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. पुलिस अनुसार मृतक अर्जुन मीणा पर शादीशुदा महिला को भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए लाया गया था. लेकिन पुलिस कस्टडी में अर्जुन मीणा की आत्महत्या के बाद अब पुलिस अधिकारियो और कर्मचारियों को अर्जुन मीणा की मौत का हर्जाना( मौताणा) भरने की नौबत आई है.
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ASI के हिस्से में ज्यादा हर्जाना, अर्जुन को वही पकड़कर लाया था
पुलिस इन्स्पेक्टर के मुकाबले ASI अशोक मीणा को मृतक अर्जुन मीणा के स्वजनों को 7 लाख रूपए चुकाने होंगे। क्योंकि मृतक अर्जुन को झल्लारा से पकड़कर लाने का काम ASI अशोक मीणा ने ही किया था। ASI मीणा ने अर्जुन और विवाहिता को थाने लाने, अर्जुन को हवालात में बंद रखने की सूचना भी थानेदार को नहीं दी। इस गंभीर घटना के वक्त पुलिस इन्स्पेक्टर पाटीदार मुख्यमंत्री की ड्यूटी में थे। इसी आधार पर जिला एसपी (District SP) ने पुलिस इन्स्पेक्टर को क्लीन चिट दी और एएसआई ASI और पुलिस संतरी को लाइन हाजिर किया था।