Rajasthan Police Action: जयपुर, राजस्थान। राजस्थान पुलिस के एक्शन की चारों तरफ चर्चाएँ हैं। वजह है बदमशों को सबक सिखाने का तरीका। पिछले कई समय से राजस्थान पुलिस बदमशों को भरे बाज़ार अर्धनग्न अवस्था में पैदल मार्च करवा कर जनता के बीच ले कर जा रही है। पुलिस इससे अन्य बदमशों को सीधा संदेश दे रही है कि गलत प्रवृत्ति को छोड़ दे, नहीं तो उनका भी यही हाल होगा।
10 आरोपियों का भरे बाज़ार जुलूस
राजस्थान पुलिस ने गुरुवार को एक मामले में डिटेन किए 10 आरोपियों को भरे बाज़ार ले जाकर और 2 किमी तक जुलूस निकाला। सभी लोग उन्हें देख रहे थे और उनकी हालत ये भी की वो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। पाँव में चप्पल नहीं, फटेहाल, अपनी ही टीशर्ट से ही अपना मुंह छिपाते ये 10 आरोपी, 8 तारीख को एक परिवार पर पत्थरबाजी करने और ज़मीन पर कब्जा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए।
क्या था पूरा मामला?
8 अप्रैल को एक 600 वर्ग गज ज़मीन पर कब्जे के इरादे से आए। पुलिस अधिकारी सांगानेर एसपी विनोद शर्मा की दी जानकारी के अनुसार, 600 वर्ग गज जमीन को सुभाष चंद मदेरणा ने श्रवण और मोनिका से रजिस्ट्री करवा कर खरीदा था। 29 दिसंबर 2023 को खरीद हुई थी। इसके कुछ ही दिन बाद 19 जनवरी को भी इसी जमीन को लेकर विवाद हुआ था। यहाँ से शुरू हुए विवाद के बाद 8 अप्रैल को 50 से ज्यादा लोग जमीन पर कब्जे को लेकर ट्रॉलियों में भर कर आए और परिवार पर पथराव किया। इसमें लाठी डंडों का भी उपोयोग किया गया।
थाने से कोर्ट तक का ये जुलूस क्यों?
इस सवाल पर पुलिस अधिकारी सांगानेर एसपी विनोद शर्मा ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि 8 अप्रैल को हुए पथराव के बाद स्थानीय लोगों में दहशत फ़ेल गयी थी। परंतु ऐसा करने से जनता के बीच के डर को निकालना था और ऐसे बदमशों के मन में डर पैदा करना था। जब इन बदमशों को पुलिस थाने से कोर्ट तक के 2 किमी लंबे जुलूस में लेकर गयी तो जो दादागिरी कर रहे थे वो अब मुंह छुपा रहे थे। राजस्थान पुलिस सीधा संदेश देने का प्रयास कर रही है कि बदमशों को और कानून अपने हाथ में लेने वालों को किसी शर्त पर बक्षा नहीं जाएगा।