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Ram Mandir Ayodhya: ‘रामलला को आराम की जरूरत’ भक्तों की भारी भीड़ देख मंदिर ट्रस्ट का सामने आया बयान, दर्शन से पहले आप जरूर पढ़ें ये अपील

Ram Mandir Ayodhya

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला (Ram Mandir Ayodhya) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज लाखों भक्त श्रीराम के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे है। अयोध्या में होटल से लेकर रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तक सिर्फ राम भक्त ही नजर आ रहे है। ऐसे में भक्तों की लगातार बढ़ती भीड़ की वजह से अयोध्या की सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई है। सभी स्थितियों को देख हाल ही में राम मंदिर ट्रस्ट ने लोगों से एक खास अपील की है।

रामलला के 14 घंटे दर्शन की व्यवस्था

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हाल ही में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए हर दिन रामलला के 14 घंटे दर्शन की व्यवस्था की गई है। लेकिन ऐसे में कई लोगों का मानना है कि 5 साल के रूप में भगवान श्रीराम को भी बीच-बीच में अच्छी तरह से आराम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज लगभग 1 लाख भक्त दर्शन के लिए आ रहे है। भक्तों की भारी दवाब को घटाने के लिए ही 24 जनवरी से रामलला के दर्शन की व्यवस्था 14 घंटों के लिए की गई थी। लेकिन एक छोटे से बच्चें को 14 घंटों तक जगाना कितना व्याव​हारिक है।

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अभी राम मंदिर के ऊपरी तलों, परकोटे और देवालयों से जुड़े निर्माण का कार्य किया जाएगा। इस पूरे मंदिर की बनने की संभावना 2025 के मध्य या फिर 2025 के खत्म होने तक में बन जाएगा। चंपत राय ने आगे कहा कि मंदिर का बचा हुआ ​काम इस तालमेल के साथ करना है कि कार्य भी पूरा हो जाए और भक्तों को भगवान के दर्शन में भी कोई परेशानी ना आए। इसके लिए मंदिर का ट्रस्ट इंजीनियरों के साथ बैठ कर सोच समझ कर ही फैसला लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में भारी तादात में आ रही वाहनों की पार्किग और भक्तों के लिए किफायती कियाये की जगहों का इंतजाम करना भी बेहद जरूरी है।

ज्ञानवापी परिसर के मसले पर क्या बोले चंपत राय?

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बता दें कि चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के कानूनी मसले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अभी इस विषय पर कुछ नहीं सोचते। मेरी दृष्टि स्पष्ट है। मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा रहा हॅू। उन्होंने आगे कहा कि मैं समाज से एक ही बात बोलूंगा की अभी एक चीज को पूरी तरह से स्थापित होने दो। जोर से बोलने में और शांत होकर किसी काम को करने में अंतर होता हैं। बता दें कि वाराणसी जिला अदालत द्वारा ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया गया था और हाल ही में उसे खोल कर पूजा पाठ शुरू की गई थी। वहीं इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने एक अर्जी दायर की है जिस पर 15 फरवरी को सुनवाई की जाएगी।

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