Ram Mandir Muhurt: 22 जनवरी को ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा क्यों? इसका जवाब अब मिल गया है!
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ram Mandir Muhurt: अयोध्या का राम मंदिर आस्था का वो पुंज है जो पूरे देश को जोड़कर एक मंच पर ला रहा है। पूरे देश भर में इसको लेकर धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं, सालों से इस मन्दिर बनने की तपस्या सफल होने पर अभी भी कई भक्तों की अश्रुधारा बह निकलती है। पर प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त (Ram Mandir Muhurt) की तारीख को लेकर सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब मिल गया है।
मूर्ति स्थापना की तारीख और समय
22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Muhurt) की घोषणा कई कई बार बड़े मंचों से हो चुकी है। परन्तु इसके सही समय को जानना भी जरुरी है। 84 सैकिंड के इस मुहूर्त समय के शुरू होने का समय 12:29 के बाद है। मुहर के बाद ही महा आरती, महा पूजन और महा भोग का कार्यक्रम होगा। मूर्ति स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होगा।
22 तारीख के मुहूर्त को लेकर धार्मिक और राजनैतिक लोग उठा रहे सवाल
अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त (Ram Mandir Muhurt) कई बार चर्चा में आ गया है। इसको लेकर कई बार राजनेताओं ने और कई बार धर्म धुरंधरों ने खुले मंचों पर सवाल उठाया है। कई संतों ने इसे शास्त्रों के अनुसार नहीं होने की वजह से प्राण प्रतिष्ठा में जाने से मना कर दिया है। राजनैतिक पार्टियों ने भी इस पूरे कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। कई बयानों में सवाल उठा कि मंदिर का पूर्ण निर्माण भी नहीं हुआ तो फिर प्राण प्रतिष्ठा की इतनी जल्दी क्यों है? इस मुहूर्त को भी कई संतों ने चुनौती दे दी।
कौनसा योग – संयोग है 22 जनवरी को?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार ही मुहूर्त (Ram Mandir Muhurt) तय किया जाता है। वार, तिथि, चन्द्रमा, ग्रह – नक्षत्रों के शुभ संयोग को मुहूर्त कहा जाता है। ये व्यक्तिगत और समस्टीगत होते हैं। अर्थात् कई बार किसी एक व्यक्ति के लिए होता है और कई बार एक से अधिक के लिए देखा जाता है। कई पंचांगों के अनुसार 22 जनवरी को देव प्रतिष्ठा मुहूर्त है। ये ही वो प्रमुख मुहूर्त है जिसकी वजह से अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को चुना गया। 22 जनवरी को सर्व शुभ माना जाने वाला अमृत सिद्धि योग भी है।
22 जनवरी किन किन कार्यों के लिए शुभ?
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए तो ये दिन मुहूर्त (Ram Mandir Muhurt) इत्यादि के हिसाब से शुभ है ही, साथ ही घर की नींव रखने, गृह प्रवेश अर्थात् नए घर में प्रवेश करने, उपनयन संस्कार यानी जनेऊ देने के संस्कार के लिए, विवाह के लिए, बच्चों के जन्म के बाद जल पूजन के लिए, नया व्यापार प्रारम्भ करने के लिए भी शुभ है। इस दिन अभिजित मुहूर्त भी मान्य होगा।
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