Ram Mandir Pran Pratishtha

Ram Mandir Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व देश के सबसे महंगे रामायण का हुआ निर्माण, जानें इसकी खासियत

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए बस अब दो दिनों का इंतजार है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के हाथों राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) के साथ-साथ राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का उद्घाटन भी होगा। इस अवसर पर क्या आम आदमी और क्या सरकारें, सभी अपने तरह से राम लल्ला के स्वागत की तयारी कर रहे हैं।

ऐसे में शिवकाशी, तमिल नाडु की प्रतिष्ठित श्रीनिवास फाइन आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Srinivas Fine Arts Private Limited) ने देश के सबसे बड़े और महंगे रामायण (Ramayan) का निर्माण किया है। तीन भाषाओं में निर्मित इस रामायण को बनाने में पांच साल से ज्यादा का समय लगा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) के अवसर पर यह रामायण अयोध्या में लोगों के देखने और बिक्री के लिए उपलब्ध है।

क्या खास है इस रामायण में (What is special in this Ramayana)

इस अवसर पर OTT India ने कंपनी के नार्थ इंडिया के रीजनल हेड मनोज सती से बात की तो उन्होंने बताया कि यह रामायण, वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। इसमें सभी सात कांडों को समावेशित किया गया है। इस रामायण को तीन पुस्तकों में संग्रहित किया गया है। रामायण को तीन भाषाओँ -हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में लिखा गया है। श्री सती ने बताया कि इस रामायण में 200 से ज्यादा चित्रों का निर्माण भी किया गया है। इसके अंदर प्रयोग किये गए 200 से भी ज्यादा चित्रों को पब्लिशिंग हाउस के चित्रकारों ने अपने हाथ से बनाया है। पुस्तक में बाल कांड से लेकर उत्तर कांड तक सभी सात कांडों वाली संपूर्ण वाल्मिकी रामायण को अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में तीन खंडों के सेट के रूप में प्रस्तुत किया है (Ram Mandir Pran Pratishtha)। इनमें वाल्मिकी रामायण के सभी 24,000 संस्कृत मूल श्लोक भी शामिल हैं। इस परियोजना में श्रद्धेय विद्वानों द्वारा कई बार संशोधन और परिशोधन किया गया। पुस्तकों को ठोस मेपल, अखरोट और सैपल लकड़ी का उपयोग करके बनाई गई एक हस्तनिर्मित लकड़ी की वेदी में संरक्षित किया गया है। इस संस्करण के बारे में एक और आकर्षक विशेषता यह है कि इसमें इस परियोजना के लिए विशेष रूप से विकसित किए गए 200 से अधिक पहले कभी नहीं देखे गए रंगीन चित्र शामिल हैं जो इसे वास्तव में एक अमूल्य रत्न बनाते हैं। यह खूबसूरत रचना दुनिया भर से प्राप्त सर्वोत्तम उपलब्ध और पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से बनाई गई है।

विदेशों की सामग्री से हुआ है रामायण का निर्माण (Ramayana was created with foreign material)

मनोज ने बताया कि इस रामायण के निर्माण में सामग्री खास तौर पर विदेशों से मंगाई गयी है। उन्होंने बताया कि रामायण में प्रयोग किये गए कागज फ्रांस से तो इसकी स्याही जापान से मंगाई गयी है। वहीँ इसके गोल्डन कलर के कार्नर क्लिप इटली से तो पन्नों को चिपकाने के लिए गोंद ब्रिटेन से मंगाया गया है। रामायण की कवर सामग्री बहुत भव्य है और इसे नीदरलैंड से मंगाया गया है। यह रामायण आपको लकड़ी के एक बड़े बॉक्स में मिलती है। यह लकड़ी अमेरिका से लायी गयी अमेरिकन वॉलनट है। श्री सती ने बताया कि यह रामायण 300 वर्षों से तक ख़राब नहीं होगी।

क्या है इस रामायण की कीमत (What is the price of this Ramayana)

इस विशेष रामायण की कीमत 1.65 लाख रुपये हैं। यह रामायण आप घर बैठे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर मंगवा सकते हैं। इसके अलावा यह लखनऊ के यूनिवर्सल पब्लिशिंग हाउस पर उपलब्ध है। मनोज सती ने बताया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) में आने वाले लोग भी इस रामायण को बुक करा रहे हैं। यह पुस्तक वर्तमान में अयोध्या में भी (Ram Mandir Pran Pratishtha) उपलब्ध है। वहां आने वाले लोग इसे देख कर खरीद रहे हैं। मनोज ने बताया कि रामायण का यह कलेक्टर संस्करण कंपनी के 5 वर्षों के अटूट समर्पण की परिणति है।

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