Rameshwaram Cafe: फ़ूड लवर्स के लिए जन्नत से कम नहीं है रामेश्वरम कैफ़े, जानिये इसके बारे में सबकुछ
Rameshwaram Cafe: लखनऊ। बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित मशहूर रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को ब्लास्ट से पूरा देश हिल गया। यह कैफे देश भर के फ़ूड लवर्स और ब्लॉगर्स के लिए एक बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र रहा है। हम सब ने कभी न कभी इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर इस कैफ़े (Rameshwaram Cafe) के बारे में देखा जरूर होगा। कई सेलिब्रिटी भी इस कैफ़े में कहते हुए अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर चुके हैं।
#WATCH | An explosion occurred at The Rameshwaram Cafe in Whitefield, Bengaluru. Injuries reported. Details awaited. pic.twitter.com/9Ay3zBq3vr
— ANI (@ANI) March 1, 2024
क्यों है रामेश्वरम कैफ़े इतना प्रसिद्ध
श्री राघवेंद्र राव और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) दिव्या राघवेंद्र राव के द्वारा खोला गया रामेश्वरम कैफे (Rameshwaram Cafe) भोजन के शौकीनों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यह कैफ़े अपने लजीज व्यंजनों के नाते देश भर में खासा प्रसिद्ध है। यह बेंगलुरु में इंदिरानगर, जेपी नगर, ब्रुकफील्ड और राजाजीनगर और हैदराबाद में माधापुर सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित है। रामेश्वरम कैफे (Rameshwaram Cafe) में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी व्यंजन चलते-फिरते तैयार किए जाएं और सर्वोत्तम और ताजा उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री, उच्चतम स्वच्छता मानकों के साथ प्रामाणिक व्यंजनों का उपयोग करके ग्राहकों को गर्म परोसा जाए।
When in Bengaluru, visiting @RameshwaramCafe is a must! Best south indian food I ever had. The place is bit crowded and less spacious but the taste is worth to stand and eat. pic.twitter.com/Tf6ffKGmjj
— Nitish Tiwari (@nitishtw) April 22, 2022
रामेश्वरम कैफे को क्या खास बनाता है?
रामेश्वरम कैफे की खास बात यह है कि इसके सभी आउटलेट के भोजन का स्वाद और गुणवत्ता एक समान है। रामेश्वरम कैफे की वेबसाइट के अनुसार यह अपनी तरह का अनोखा दक्षिण भारतीय कैफे है जो सुबह 6.30 बजे से रात के एक बजे तक खुला रहता है। रामेश्वरम कैफ़े (Rameshwaram Cafe) 2021 में बेंगलुरु में दो आउटलेट के सफल लॉन्च के साथ शुरू हुआ था। इसके संस्थापकों द्वारा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘रामेश्वरम’ नाम चुना गया, क्योंकि यह पूर्व राष्ट्रपति का जन्मस्थान था। यह अपनी प्रामाणिकता के मूल्य और दक्षिण भारत के व्यापक स्वादों पर खरा उतरता है। संस्थापकों का मानना है कि तमाम नेताओं के बीच डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने धैर्य, समर्पण और पुराने जमाने के आकर्षक तरीकों से देश का नेतृत्व किया। रामेश्वरम कैफ़े में, हम उन्हें हर रूप में देखते हैं और उनके जीवन जीने के तरीके से प्रेरणा लेते हैं।
क्या परोसा जाता है यहाँ के मेनू में
यहाँ का मेनू दक्षिण भारतीय व्यंजनों से भरा पड़ा है। हलाकि सभी आइटम्स आपको दिन में हेमशा नहीं मिलेंगे। जैसे आप वड़ा, मिनी वड़ा, घी/बटर इडली जैसे डिश खाना चाहते हैं तो आपको यह सुबह 6.30 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक और फिर शाम को 4 बजे से आधी रात एक बजे तक खाने को मिलता है। यहाँ डोसा की बहुत वैरायटी खाने को मिलती है। यदि आपको घी पलाइन डोसा, घी पुड़ी मसाला डोसा, घी पुड़ी प्लेन डोसा, गार्लिक रोस्ट डोसा, रागी डोसा और मुलती ग्रेन डोसा खाना है टी इसका स्वाद आप सुबह 6.30 बजे से रात के एक बजे तक ले सकते हैं। फ़िल्टर कॉफ़ी, मसाला चाय, बादाम मिल्क जैसे पेय पदार्थ भी आपको सुबह 6.30 बजे से रात के एक बजे तक मिलेगा। लेकिन यदि आपको अक्की रोटी, रागी रोटी, केरला पराठा और गेंहू के आते का पराठा खाना है तो इसके लिए आपको कैफ़े पर दोपहर 12 बजे से रात के एक बजे के बीच जाना होगा।
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