Ravindra Singh Bhati: रवीद्र भाटी ने देश द्रोही के आरोप के बाद दिया ये बयान, राजनीति छोड़ने का दावा
Ravindra Singh Bhati: बाड़मेर, राजस्थान। राजस्थान में लोकसभा चुनाव को रोचक बनाने में निर्दलीय उम्मीदवार बड़ी भूमिका में नज़र आ रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा नाम है रवीन्द्र सिंह भाटी का। बाड़मेर लोकसभा सीट पर शिव विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव 2024 में अपना नामांकन दर्ज किया। परंतु रवीन्द्र भाटी पर उनकी लंदन यात्रा को लेकर बार बार प्रहार किया जा रहा है और उन पर देशद्रोही से मुलाक़ात का आरोप भी लग रहा है।
क्या है भाटी का लंदन यात्रा मामला?
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार रवीन्द्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) पर उनकी लंदन यात्रा के दौरान भारत के देशद्रोही यानि फ्री कश्मीर के समर्थक लोगों से मुलाक़ात करने पर मामला राजनीति के गलियारे में बहुत चर्चाएँ बटोर रहा है। भाजपा समेत कई दलों के नेताओं ने उन पर देश द्रोहीयों से मिलने का आरोप लगाया जिसमें सोशल मीडिया पर AntiIndiaRavindrabhati का हैश टैग चलाया गया। कई बड़े मंचों से भी इस बात का जिक्र कई बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान किया।
इस पर क्या कहना है भाटी का?
इस आरोप के बाद रवीन्द्र सिंह भाटी का बयान भी सामने आया है। उन्होने इन सारे आरोपों को झूठ और दुष्प्रचार का मुद्दा बताया। रवीन्द्र भाटी ने कहा कि अगर किसी को ऐसा लगता है तो वो उनकी जांच करवा ले, ईडी और सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसियों को लगा कर जांच करवा ले। अगर मैं किसी भी तरह के देशद्रोह के मामले में संलिप्त पाया जाता हूँ तो उसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूँ।
भाटी ने किया विरोधियों को चैलेंज
इस मामले में खुद के विपक्षियों को घेरते हुए भाटी ने कहा कि वो जैसी चाहे जांच (Ravindra Singh Bhati) करवा लें, जिस भी एजेंसी से चाहे जांच करवा ले, अगर उनके आरोप सिद्ध हो गए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। परंतु अगर मैं किसी तरह की देश द्रोही गतिविधियों में संलिप्त नहीं पाया गया तो मेरे पर आरोप लगाने वाले लोग राजनीति छोड़ने को तैयार रहें। ये सारे आरोप अभी चलेंगे क्योंकि चुनाव है, इसका जवाब सभी को 4 जून को आने वाले चुनाव रिज़ल्ट में मिल जाएगा।
बाड़मेर के रण में भाटी के सामने कौन?
लोकसभा चुनाव में बाड़मेर में रवीन्द्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के सामने भाजपा के कैलाश चौधरी हैं। वहीं काँग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल इसी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। हालांकि ये त्रिकोणीय मामला होता है, क्योंकि तीनों ही लोकसभा उम्मीदवारों के लिए जीत इतनी आसान नहीं है फिर भी भाटी की नामांकन रैली बहुत चर्चा में रही। वजह थी भाटी की नामांकन रैली में आए जन सैलाब।
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