भारत के रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में सोने की खरीदारी के मामले में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने अक्टूबर महीने में 27 टन सोना खरीदा, जिससे वह दुनिया में सबसे बड़े सोना खरीदार के तौर पर उभरा है।
भारत की सोना खरीदारी का आंकड़ा बढ़ा
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर महीने में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल 60 टन सोना खरीदा। इसमें सबसे बड़ा योगदान भारतीय रिजर्व बैंक का था, जिसने 27 टन सोना खरीदा। इससे भारत ने अपनी सोने की खरीदारी में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
इस आंकड़े के साथ, भारत की सोने की खरीदारी जनवरी से अक्टूबर तक बढ़कर 77 टन हो गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार सोने की खरीदारी में पांच गुना वृद्धि हुई है। यानी इस साल भारत ने पिछले साल की तुलना में काफी अधिक सोना खरीदा है।
भारत का कुल स्वर्ण भंडार अब 882 टन
भारत की इस बड़ी खरीदारी से उसकी कुल स्वर्ण भंडार में भी भारी वृद्धि हुई है। भारत के पास अब 882 टन सोना है, जिसमें से 510 टन भारत में ही रखा गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत का सोने के भंडार में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और केंद्रीय बैंक के लिए सकारात्मक संकेत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के बाद तुर्की और पोलैंड ने भी सोने की खरीदारी में अहम भूमिका निभाई है। तुर्की ने इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक 72 टन सोना खरीदा, जबकि पोलैंड ने 69 टन सोना खरीदा। इस प्रकार, इन तीन देशों ने मिलकर दुनिया के कुल सोने की खरीदारी के 60 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किया है।
सोने की बढ़ती मांग
सोने की खरीदारी का बढ़ना केंद्रीय बैंकों की नई रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वे अपनी संपत्तियों को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सोने की खरीदारी कर रहे हैं। उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक इस खरीदारी में सबसे आगे हैं, और उनके लिए सोने का भंडार आर्थिक संकट से बचाव का एक मजबूत तरीका बन गया है।
भारत में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 दिसंबर से शुरू हुई थी, और इसका परिणाम कल यानी 6 दिसंबर को आ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास 6 दिसंबर को बैठक के फैसलों का ऐलान करेंगे। इस बैठक से जुड़ी अटकलें तेज हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रिजर्व बैंक अपनी दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।
इस बैठक के दौरान, आरबीआई के मौद्रिक नीति के फैसले भारतीय अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर सोने की खरीदारी और बैंकों की रणनीतियों पर।
सोने को लेकर भारतीय निवेशकों का आकर्षण
भारत में सोने की बढ़ती कीमतों का भी खासा असर देखने को मिल रहा है। भारतीय लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं और जब बाजार में अनिश्चितताएं बढ़ती हैं, तो सोने की खरीदारी में भी इजाफा होता है। इसके अलावा, सोने के भंडार की वृद्धि से भारतीय रिजर्व बैंक की मुद्रा नीति पर भी असर पड़ता है।
2024 के पहले तीन महीनों में भी केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। खासकर उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक, जैसे भारत, तुर्की, पोलैंड और रूस, सोने की खरीदारी में अपनी रणनीतियों को और मजबूत कर सकते हैं।
कुल मिलाकर भारत ने अक्टूबर में 27 टन सोने की खरीदारी करके दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों में अपनी स्थिति मजबूत की है और सोने की खरीदारी में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि सोने का भंडार उसकी आर्थिक मजबूती और केंद्रीय बैंक की नीति को बेहतर बनाने में मदद करता है।