Haryana Election: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का चुनावी रास्ता साफ, रेलवे ने मंजूर किया इस्तीफा
इस्तीफे की मंजूरी से राहत
विनेश फोगाट के लिए इस्तीफा मंजूर होना एक बड़ी राहत की बात है। अब उनके चुनाव लड़ने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। अगर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता, तो उन्हें चुनावी दंगल में उतरने के लिए कई कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता था। भारतीय कानून के अनुसार, किसी सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए पहले अपने विभाग से इस्तीफा देकर एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त करनी होती है। नामांकन के समय एनओसी को भी दस्तावेजों में शामिल करना पड़ता है, तभी रिटर्निंग ऑफिसर आवेदन को स्वीकार करता है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होने वाले हैं, और नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर है। इस समय विनेश फोगाट के इस्तीफे की मंजूरी से उनके चुनावी अभियान को गति मिली है।
विनेश को जुलाना से टिकट
कांग्रेस ने विनेश फोगाट को उनकी ससुराल जुलाना से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। जुलाना सीट पर कांग्रेस की लंबे समय से जीत की उम्मीदें हैं। आखिरी बार कांग्रेस ने इस सीट पर 2005 में जीत दर्ज की थी। पार्टी ने विनेश को उम्मीदवार बनाकर एक बड़ा दांव खेला है ताकि उसकी गिरती साख को फिर से मजबूत किया जा सके।
विनेश फोगाट का मुकाबला मौजूदा जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायक अमरजीत ढांडा से होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने जीत हासिल की थी और अमरजीत ढांडा ने बीजेपी के परमिंदर सिंह ढुल को 24,193 वोटों के अंतर से हराया था। ढांडा को 61,942 वोट मिले थे, जबकि ढुल को 37,749 वोट मिल पाए थे। अब देखना यह है कि विनेश फोगाट इस चुनावी मुकाबले में अपनी किस्मत को कैसे आजमाती हैं।
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