14 फरवरी, भारत का ब्लैक डे: अभी तक नहीं सूखे आंसू

14 फरवरी को हुआ था ऐसा हमला, जो भारत में वेलेंटाइन डे पर मनाए जाने लगा ‘ब्लैक डे’

6 years of Pulwama Attack: 14 फरवरी…पूरी दुनिया जहां इस तारीख पर Valentine Day मनाती है, वहीं भारत में इस तारीख को ‘ब्लैक डे’ (14 feb black day) मनाया जाता है, क्योंकि इस तारीख को भारतीयों को कभी न भुला सकने वाला दर्द मिला था। इस दिन ऐसा घटनाक्रम हुआ था कि पूरा देश दहल गया था। उस वीभत्स हादसे और कायराना हमले को 6 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन उस हमले में मारे गए भारत मां के वीर सपूतों का बलिदान आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। आज भी उस दिन मिले जख्म भरे नहीं हैं। आज भी शहीदों के परिजनों के आंसू सूखे नहीं हैं।

14 फरवरी, 2019 को हुआ था भीषण हमला

श्रीनगर नेशनल हाईवे पर अवंतीपोरा के गोरीपोरा में आतंकियों ने यह हमला किया था। सीआरपीएफ के काफिले में 60 से भी ज्यादा सैन्य वाहन थे। इन वाहनों में करीब सैकड़ों जवान मौजूद थे। जो कार वाहनों से टकराई वह विस्फोटक से भरी हुई थी। जैसे ही कार ने सैन्य बसों में टक्कर मारी एक जबरदस्त विस्फोट हुआ।
यह धमाका इतना खतरनाक था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। उस दौरान पुलवामा के आसपास का वातावरण आग और धुएं से ढक गया था। हमले में 40 जवान बलिदान हुए थे।

जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी जिम्मेदारी

अवंतीपोरा में हुए इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। धमाका इतना तेज था कि कई बसों के बुरी तरह से परखच्चे उड़ गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले ने देश को अंदर तक झकझोर दिया था। आतंकियों की इस हरकत से भारतीयों की आंखें नम हो गई थीं और अब सभी की निगाह रिटैलिएट पर थी।

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12 दिन में सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया बदला

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के ठीक 12 दिन बाद 25 फरवरी की देर रात भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की। इस हमले में सेना ने पाकिस्तान के तकरीबन 300 आतंकियों को मार गिराया। सरकारी दावे के अनुसार, वायुसेना के 2 हजार विमानों ने इलाके में आतंकियों के कैंपों पर करीब एक हजार किलो बम गिराए। इस कार्रवाई की पाकिस्तान को भनक तक नहीं लगी थी। हमले को बालाकोट एयर स्ट्राइक का नाम दिया गया था।

14 फ़रवरी: भारत का “ब्लैक डे”

पुलवामा हमले के मद्देनज़र, 14 फ़रवरी को भारत में “ब्लैक डे” के रूप में मनाया जाता है, यह दिन शहीद हुए सीआरपीएफ़ कर्मियों को सम्मानित करने और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करने का दिन है। वैलेंटाइन डे से जुड़े वैश्विक समारोहों के विपरीत, यह दिन शहीदों को याद करने, आतंकवाद की निंदा करने और नुकसान से प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए समर्पित है। काला दिवस के अवसर पर पूरे देश में विभिन्न स्मारक सेवाएँ, पुष्पांजलि समारोह और मौन के क्षण मनाए जाते हैं। विभिन्न शहरों में, लोग अपना गुस्सा, दुख और आतंकवाद से लड़ने का संकल्प व्यक्त करते हैं और कई संगठन हमले और भारत के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन, मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकालते हैं और कार्यक्रम आयोजित करते हैं।