Republic Day 2024: किसने लिखा था हमारा संविधान, कहां रखी है इसकी ओरिजिनल कॉपी?
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Republic Day 2024: इस साल देश 75वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) मनाने जा रहा है। 26 जनवरी का दिन संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन पूरे देश में भारत का संविधान लागू हुआ था। इस संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था और 26 नवम्बर 1949 को संविधान पूरा बनकर तैयार हो गया था लेकिन इसे पूरे देश में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
इसके बाद से ही हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा। लेकिन क्या आप जानते है कि हमारा संविधान किसने लिखा। इस सवाल का जवाब बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर नहीं बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायजादा है। भारतीय संविधान का जनक यानी निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को माना जाता है लेकिन इसे हाथ से प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखा था। तो आइए जानते है संविधान से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यः-
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था संविधान
काफी कम लोग जानते है कि भारत का संविधान (Republic Day 2024) टाइप करके नहीं बल्कि हाथों से लिखा गया है। दरअसल दिल्ली के प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान को अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि को इटैलिक स्टाइल में लिखा था। इस काम को पूरा करने में उन्हें 6 महीने लगे जिसमें उनकी कुल 432 निब घिस गई। बिहारी जी ना सिर्फ इसे हाथों से लिखा है बल्कि शांति निकेतन के कलाकारो राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने इसके कवर से लेकर हर पन्ने को सुंदर कला से सजाया है।
प्रेम बिहारी ने नहीं ली फीस
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद प्रेम बिहारी जी से संविधान (Republic Day 2024) को हाथ से लिखने की गुजारिश की थी। वहीं प्रेम बिहारी जी ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बात को स्वीकार कर लिया लेकिन इसके बदले में किसी भी प्रकार के पैसे यानी फीस लेने से इंकार कर दिया। लेकिन उन्होंने सरकार के सामने अपनी एक शर्त रखी थी। प्रेम बिहारी जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि- “भगवान की दया से मेरे पास सबकुछ है और मैं अपनी जिदंगी में खुश हॅू पर मेरी एक शर्त है इसके हर एक पन्ने पर मैं अपना नाम लिखूंगा और संविधान के आखिरी पन्ने पर मेरे साथ अपने दादाजी का नाम लिखूंगा।”
कहां रखी है मूल कृति
हस्तलिखित इस संविधान (Republic Day 2024) पर 24 जनवरी 1950 को 284 सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किया गया था। हस्तलिखित इस संविधान की मूल कृति यानी ओरिजिनल कॉपी आज भी हमारे देश में मौजूद है। भारतीय संविधान की अंग्रेजी में लिखी ओरिजिनल कॉपी और उसका हिंदी अनुवाद दिल्ली के संसद की लाइब्रेरी में दो विशेष बक्सों में रखी हुई है। इसके हर पन्ने पर सोने की पत्तियों का फ्रेम लगा हुआ है साथ ही इसे सुरक्षित रखने के लिए नाइट्रोजन गैस की एक चैंबर में रखा गया है। जो ओरिजिनल कॉपी के पन्नों को खराब नहीं होने देती। इस नाइट्रोजन गैस चैंबर को वैज्ञानिक तकनीकी विधि से तैयार किया गया था।
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