राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Republic Day 2024: हर साल पूरे देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) मनाया जाता है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हम सभी जानते है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इसके बाद से ही हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। तो वहीं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जात है क्योंकि इस दिन भारत को गुलामी की जंजीरों से आजादी मिली थी। देश में इन्हीं दो खास अवसर पर तिरंगा फहराया जाता है।
लेकिन क्या आपको पता है हर साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किला पर तिरंगा फहराया जाता है जबकि गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है। क्या आप दोनों ही खास दिनों पर झंडा फहराने के अंतर को जानते है? अगर नहीं तो आइए आज हम आपको इससे जुडे कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताने जा रहे है।
ध्वजारोहण करना और झंडा फहराना में अंतर
कई लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम (Republic Day 2024) और ध्वजारोहण को लेकर कंफ्यूज रहते है। दरअसल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की खींचा जाता है और फिर ध्वज को फहराया जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि जिस दिन भारत को अंग्रेजों के शासन से आजादी मिली थी उस दिन ब्रिटिश सरकार ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था।
इसी वजह से 15 अगस्त के दिन तिरंगे झंडे को ऊपर खींचा जाता है और इसके बाद फहराया जाता है। तिरंगे की इस प्रक्रिया को फ्लैग होस्टिंग यानी ध्वजा रोहण कहा जाता है। वहीं 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है और उसे सिर्फ फहराया जाता है। यही वजह से है कि इसे फ्लैग होस्टिंग नहीं फ्लैग अनफर्लिंग यानी झंडा फहराना कहते है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री में अंतर
यह बात काफी कम लोग जानते है दोनों राष्ट्रीय पर्व (Republic Day 2024) के दिन तिरंगा अलग अलग लोगों द्वारा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और 15 अगस्त के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। दरअसल प्रधानमंत्री देश का राजनीतिक प्रमुख और राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है। जब भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया उससे पहले ना ही कोई देश में संविधान था ना ही कोई राष्ट्रपति पद था। पहली बार 26 जनवरी 1950 में ही भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रपति पद की शपथ ली गई थी।
आयोजन स्थल में अंतर
हर साल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम लाल किले पर आयोजन किया जाता है और इस दिन प्रधानमंत्री फ्लैग होस्टिंग करने के बाद लाल किले से ही पूरे देशवासियों को संबोधित करते है। वहीं 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हर साल राजपथ पर आयोजित किया जाता है। इस दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते है। इसके अतिरिक्त दोनों के बीच एक और अंतर यह भी है कि गणतंत्र दिवस के समारोह का समापन 29 जनवरी के दिन बीटिंग रीट्रिट समारोह के साथ किया जाता है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को ही कार्यक्रम समाप्त हो जाता है।
कार्यक्रमों में अंतर
दोनों राष्ट्रीय पर्व (Republic Day 2024) पर होने वाले कार्यक्रमों में भी अंतर होता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर अलग अलग तरीके से झांकीयों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक समृद्धि और सैन्य ताकत की झलकियां दिखाई जाती है। जबकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐसा कोई भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता है। इसके अलावा गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के राजनायकों को बुलाया जाता है जबकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसी भी अतिथि को आमंत्रित नहीं किया जाता।
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